भागवत कथा अमृत के समान : हरिप्रसाद जी महाराज

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गाजीपुर । सुहवल परमार्थ धाम स्थित चारों धाम में चर रहे रामचरितमानस व रुद्र महायज्ञ में आज पांचवें दिन रविवार को श्री कृष्ण भगवान की आरती के साथ भागवत कथा को विस्तार से बताया गया। कथा वाचक हरिप्रसाद जी महाराज ने भागवत कथा का महात्म्य बताते हुए कहा कि कलीकाल में लोग पूजा-पाठ से दूर होते जा रहे हैं ऐसे में कथा ही है जो इस माया रुपी जाल से मनुष्य को बाहर निकाल सकती है। कथा का महात्म्य बताते हुए श्री महाराज ने कहा कि कलयुग में कथा का त्रवण मात्र से भवपार उतरा जा सकता है। कथा में इतनी शक्ति है कि इसको सुनने से मृत्यु शय्या से भी मनुष्य जीवित हो उठता है। इस बात की प्रमाणिकता इस बात से होती है कि जब राजा परिक्षित को पता चला कि शीघ्र ही गोलोकवासी हो जाएंगें तो विद्वानों के सलाह पर भागवत कथा का श्रवण करने लगे और धीरे-धीरे उनको मृत्यु का भय जाता रहा और वह स्वस्थ हुए। इसलिए कथा का श्रवण अमृत के समान है।

कथा श्रवण करने वालों में प्रमुख लोगों में असांव गाँव निवासी राजेश्वर तिवारी मृतुन्जय मिश्रा , रिद्धि नाथ पांडेय , बृजेश , अमरनाथ , डब्बू ,सुधीर पाण्डेय सहित भारी संख्या में महिलाएं,बच्चे उपस्थिति थे।

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