मुहम्दाबाद में अष्टशहीद हमारे अनसंग हीरो: मेघवाल

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18 अगस्त को वेविनार में बोले संसदीय कार्य एवं संस्कृति मंत्री

गाजीपुर। 18 अगस्त को अमर शहीद डॉ शिवपूजन राय प्रतिष्ठान, दिल्ली और हिंदी श्री पब्लिकेशन के संयुक्त प्रयास से पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िले के मोहम्मदाबाद तहसील पर डॉ शिवपूजन राय की अगुवाई में शहीद हुए 8 अमर शहीदों की स्मृति में एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ शिवपूजन राय और उनके साथी इतिहास के पन्नों में जिस सम्मान के हकदार थे वह उन्हें नही मिल पाया है लेकिन वर्तमान सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए कृत संकल्पित है कि जो हमारे अनसंग हीरो है उनको आज़ादी के इस अमृत महोत्सव के माध्यम से सम्मानित किया जाए। मंत्री भारत सरकार ने डॉ शिवपूजन राय प्रतिष्ठान से अभी अपील किया कि शहीदों के विवरण को सहेजने में संस्कृति मंत्रालय आपके साथ है। डॉ शिवपूजन राय के पौत्र और अमर उजाला वाराणसी के ब्यूरो चीफ अजय राय ने 1942 और मोहम्मदाबाद की घटना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि अगस्त क्रांति के इतिहास में अहिंसा की रक्षा करते हुए बलिदान होने वाली ऐसी दूसरी घटना इतिहास में नही है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो रामजी दुबे ने पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में हुए 1942 के जनसंघर्षों को आपस मे जोड़ते हुए साहित्यिक रूप में शहीदों को अपनी श्रदांजलि दी। गांधी के अहिंसा की कई घटनाओं का ज़िक्र किया। आर्यभट्ट महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो मनोज सिन्हा ने क्रिप्स मिशन की प्रस्तावना, योजना और शेरपुर गांव के योगदान को विस्तार से रेखांकित किया।

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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पद्मश्री रामबहादुर राय ने क्रिप्स मिशन की योजना की बात को आगे बढ़ाते हुए अगस्त क्रांति के इतिहास पर अपनी बात रखी आउट यह कहा कि 1942 के नायकों की जो सोच थी उसके मुताबिक देश को आज़ादी नही मिली। उन्होंने अगस्त क्रांति की विफलता और सफलता पर भी विस्तार से प्रकाश डाला तथा भावी पीढ़ी से आग्रह किया कि आपके गांव में, जनपद में जो भी सबूत हो जिसे अंग्रेजी हुकूमत ने मिटाया है उसे जिंदा कीजिये। कार्यक्रम का संचालन जेएनयू के शोधार्थी सूर्यभान राय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ गोपालजी राय ने किया।

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