गाजीपुर। वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ किसी भी पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की आराधना के साथ ही शुरू होती है। हिंदू धर्म में गणपति का महत्व बहुत अधिक होता है। हर महीने की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत भक्त रखते हैं। लेकिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी का महत्व खास होता है। ये तीन से दस दिनों का महोत्सव होता है जो देश के हर कोने में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस साल 2021 में इस उत्सव की शुरुआत आज गणेश चतुर्थी के साथ होगी।
मान्यता ऐसी है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी से शुरू होकर ये महोत्सव अनंत चतुर्दशी को जाकर समाप्त होता है। इन दस दिनों में भक्त विधि-विधान से लंबोदर की पूजा करते हैं, उन्हें मोदक का भोग लगाते हैं। भक्तों की ऐसी श्रद्धा है कि गणेश चतुर्थी में जो लोग गणेश जी को अपने घरों में विराजते हैं उनके आशीर्वाद से भक्तों के घर में रिद्धि-सिद्ध, धन-धान्य भरा रहता है। साथ ही, मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है
गणेश चतुर्थी का त्योहार आज शुक्रवार धूमधाम से मनाया गया। पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से सभी त्योहारों की तरह इस त्योहार की रौनक भी फीकी पड़ गयी थी। किसी त्योहार पर सार्वजनिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं थी। इस साल लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सार्वजनिक कार्यक्रम कर रहे हैं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥