कामरेड सरजू पाण्डेय का जीवन सामंती उत्पीड़न के विरुद्ध संघर्ष का रहा : दीपक उपाध्याय

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जन्मशताब्दी के अवसर पर याद किये गये कामरेड

गाजीपुर। आज शनिवार को स्वाधीनता सेनानी पूर्व सांसद सरजू पांडेय की जयंती पर सरजू पांडेय पार्क मे छात्रनेताओं ने उनकी प्रतिमा व चबूतरे पर साफ-सफाई कर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया । इस अवसर पर सभी ने उनकी समाधि स्थल पर पुष्पांजलि एवं प्रतिमा पर माल्यार्पण किया ।
समाजसेवी व पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने कहा कि सरजू पांडेय जी की जयंती शताब्दी वर्ष के रूप में हम सभी मना रहे हैं सूरज पाण्डेय जी ने अंग्रेजी दास्ता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन में देश भक्ति की भावना से ओत-प्रोत होकर कूद पड़े थे। 15 अगस्त 1942 को हजारों की हुजूम के साथ कासिमाबाद थाना फूंक कर तिरंगा फहरा दिया था। आजादी के बाद जमींदारी उन्मूलन एवं सामंती उत्पीड़न के विरुद्ध संघर्ष किया। इनके पीछे उत्पीड़ित, शोषित जनता लामबंद हो गई थी। ये अपने दौर के बेमिसाल नेता रहे हैं। छात्र नेता शशांक उपाध्याय ने कहा कि सरजू पाण्डेय जी का बेदाग चरित्र, चमकदार दामन था। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि राजनीति को नि:स्वार्थ भाव से त्याग, तपस्या, समाजसेवा का क्षेत्र का मानते थे। अपने संघर्षों से इतना लोकप्रिय हुए कि विधायक व सांसद का चुनाव एक साथ ही जीत गए। उनके दिखाए मार्ग पर हम सभी युवाओं को चलना चाहिए।

इस मौके पर छात्र नेता अभिषेक द्विवेदी,शिवम उपाध्याय, सुधांशु तिवारी,ओम दूबे,गोलू पाण्डेय, शैलेश यादव,शुभम, विष्णु गुप्ता, राजकुमार सिंह इत्यादि लोग मौजूद रहे।

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