दिवानगी में   खुरपी से तीन हत्या

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गाजीपुर। छोटा बेटा आशीष बिंद ही निकला अपने पिता, मां और बड़े भाई का कातिल। इसका खुलासा क्राइम ब्रांच और नंदगंज थाना पुलिस ने सोमवार की देर रात कर दिया। चूंकि आरोपित अभी नाबालिग है इसलिए इस केस में पुलिस ने उसका चेहरा फ्रंट पर नहीं लाया है। हालांकि पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त खुरपी समेत खून से सने कपड़ों को बरामद कर लिया है। जिले भर में सनसनी फैलाने वाले इस ट्रिपल मर्डर केस ने खून के रिश्तों को दागदार कर लिया है। ऑनर किलिंग के इस मामले की चर्चा पूरे जिले में है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त खुरपी और खून से सने कपड़ों को बरामद कर लिया है। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार नंदगंज थाना क्षेत्र के कुसुम्हीं कला (खिलवां) गांव निवासी मुंशी बिंद का छोटा बेटा आशीष एक युवती से प्यार करता था। चूंकि युवती का चक्कर कुछ और युवकों के साथ था इसलिए आशीष के परिवार वाले शादी का विरोध करते थे। आशीष बिंद भी अभी नाबालिग था और जिस युवती से वह प्रेम करता था वह उससे उम्र में दो-तीन वर्ष बड़ी यानि पूर्ण रुप से बालिग थी। आशीष हमेशा उसकी लड़की से शादी करने की बात कहकर परिवार के लोगों से लड़ाई झगड़ा करता था। गुस्से में आकर उसके पिता मुंशी बिंद ने साफ शब्दों में आशीष से कह दिया था वह उस युवती से उसकी शादी नहीं करायेगा। यदि वह नहीं मानेगा तो वह उसे घर से बेदखल कर देगा। उधर आशीष का बड़ा भाई रामाशीष भी उसे ऐसा करने से रोक रहा था। मां देवंती देवी भी शादी का विरोध कर रही थी। 

पुलिस के अनुसार जब परिवार के लोगों ने आशीष पर पूर्ण रुप से पाबंदी लगा दी तो वह चोरी छिपे एक नया सिमकार्ड खरीदकर युवती से बात करता था। बीते छह जुलाई को उसके पिता मुंशी राम ने आशीष के मोबाइल को पकड़ा लिया और उसका सिमकार्ड निकालकर फेंक दिया था। गुस्से में आकर आशीष ने अपना मोबाइल भी तोड़ दिया था। यही से आशीष ने अपने पिता-मां और बड़े भाई की हत्या का प्लान बनाना शुरु किया। 

किसी को शक भी न हो और पूरा परिवार साफ हो जाये यह सोचकर आशीष बिंद ने मर्डर प्लान तैयार किया। प्लान के तहत तीन दिनों त कवह एक खुरपी की धार को तेज करता रहा। इसके बाद घटना की रात में वह घर से पास के गांव में आर्केटा देखने के बहाने चला गया। जब रात हुई तो वह धीरे से वापस अपने घर आया और गहरी नींद में सो रहे अपने पिता, भाई और मां के गले पर खुरपी से वार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। घटना को चोरी की दिशा देने के लिए उसने कमरे का ताला तोड़ा और उसमे मौजूद सामानों को इधर-उधर बिखेरने के बाद कमरे में मौजूद कुछ कैस रुपयों को चुरा लिया ताकि लोगों को ऐसा लगे कि चोरी की नियत से घर में घुसे चोरों ने घटना को अंजाम दिया है। 

वैसे तो क्राइम ब्रांच की टीम को पहले से ही आशीष पर शक हो गया था, लेकिन बिना सबूत के पुलिस कुछ नहीं कर सकती थी। शक के आधार पर पुलिस ने आशीष के मूनमेंट के बारे में जानकारी हासिल की। पुलिस के अनुसार आशीष घटना के दिन आर्केस्ट्रा कार्यक्रम में सिर्फ 15 मिनट के लिए गया था। फिर वहा से लौटा और घटना को अंजाम देने के बाद दोबारा कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गया। कुछ ही पल वहा रुकने के बाद वह अपने पड़ोस के ही एक युवक से घर लौटने की जल्दबाजी करने लगा। उक्त युवक जब उसके साथ घर की ओर चला और आशीष के घर से मात्र 20 मीटर की दूरी पर पहुंचा तो आशीष ने छाती पीटकर चिल्लाना शुरु कर दिया। मानो ऐसा लगा कि आशीष को पहले से ही पता था कि उसके पिता-भाई और मां की हत्या हो चुकी है। सर्विलांस टीम के कॉल डिटेल से भी कई और राज का पर्दाफास हुआ। 

पूछताछ में आशीष बिंद ने बताया कि उसका बड़ा भाई रामाशीष कमरे में सो रहा था। जब उसने उसकी गर्दन पर खुरपी से वार किया तो वह छटपटाते हुए कमरे से बाहर की ओर भागा, लेकिन सांस की नली कट जाने की वहज से वह तड़फड़ाते हुए वहीं गिर गया और उसकी मौत हो गई। यह सीन देखकर वह घबरा गया और पास ही मौजूद खेत में हत्या में प्रयुक्त खुरपी और खून से सने हुए कपड़ों को फेक दिया।

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