गाजीपुर के धारानगर प्रखंड के शहीद पार्क में अखंड भारत दिवस मना। इस अवसर पर अखंड भारत के मानचित्र की पूजा करने के साथ-साथ लोगों को भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी दी गई | जिसमें मुहम्मदाबाद के क्रान्ति को भी श्री नारायण राय विभाग संयोजक याद किये जो 18 अगस्त 1942 को मुहम्मदाबाद तहसील मुख्यालय पर तिरंगा फहराने के प्रयास में शहीद हुए थे। ब्रिटिश सिपाहियों द्वारा गोलीबारी में डॉ शिवपूजन राय के साथ वंश नारायण राय, वंश नारायण राय द्वितीय, वशिष्ठ नारायण राय, ऋषिकेश राय, राजा राय, नारायण राय और राम बदन उपाध्याय भी शहीद हुए थे जिन्हें अष्ट शहीद कहा जाता है। शहीद शहादत इस लिए नही दिये कि देश बटे लेकिन आजादी हम लोग को बटवारे स्वरूप मिला | जो हम कभी स्वीकार नही कर सकते है |
विहिप प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को अखंड भारत दिवस मनाती है। विभाग संयोजक श्री नारायण राय ने कहा कि अखंड भारत में आज के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तिब्बत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश और श्रीलंका आता है। पिछले 300 वर्षों में आठ बार भारत को खंडित किया गया। 1876 में रूसी और ब्रिटिश शासकों ने मिलकर अफगानिस्तान के नाम से बफर स्टेट बना दिया। बाद में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से यह इलाका अलग हो गया | इसके बाद 1904 में नेपाल, 1906 में भूटान, 1914 में तिब्बत, 1935 में श्रीलंका, 1937 में बर्मा, जो बाद में म्यांमार बना, 1947 में पाकिस्तान और 1971 में बांग्लादेश बना दिया गया। कहा कि सन 1800 से पहले के भारत पर नजर दौड़ाएंगे तो देखेंगे कि अभी जो देश हैं, उस समय नहीं थे। केवल स्वतंत्र राजसत्ताएं थीं। सांस्कृतिक रूप से सभी भारतवर्ष के रूप में एक थे।
एक-दूसरे स्थानों पर सभी लोगों का आवागमन था। जैसे-जैसे इन इलाकों में विदेशी शक्तियां आती गईं, स्थिति खराब होती चली गई। वैसे 1947 के बाद भारत ने फ्रेंच के कब्जे से पुडुचेरी, पुर्तगाल के कब्जे से गोवा और दमन और अमेरिका के कब्जे में जाते हुए सिक्किम को मुक्त कराया था।
हम सभी भारत वासियों को एक हो कर एक माला में पिरो कर भारत वर्ष को अखंड सम्पूर्ण राष्ट्र बनाना है | बजरंग दल ने ठाना है भारत को अखंड बनाना है | कार्यक्रम में गोकुल सिंह , प्रदीप सिंह पिन्कू सिंह ,अजय गुप्ता , शिवम राय , चन्द्र मोहन राय आदि सैकड़ो कार्यकर्ता अमृत महोत्सव मोटर बाईक रैली से कुण्डेसर से शहीद पार्क तिरंगा लेकर आये | शहीद पार्क में डॉ शशॉक राय , विरेन्द्र तिवारी , शिवगोबिन्द , ओपी गिरी प्यारे मोहन गुड्डू राय स्वागतम् हेतु उपस्थित रहे |