गाजीपुर। आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका असोसिएशन ने 18 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को सरजू पांडेय पार्क में धरना प्रदर्शन किया। अंत में मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगों का पत्रक जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा। इस मौके पर बिरनो ब्लाक अध्यक्ष अंजू चतुर्वेदी ने कहां कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं आज भी सरकार की नजरों में उपेक्षित ही हैं।
उन्होंने कहां कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं हाड़तोड़ मेहनत कर रही हैं। यहां तक कि कोरोना महामारी में जब पूरा देश संकट में अपने घरों में कैंद था, तब अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना योद्धा के रूप में आम जनमानस की सेवा में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में अग्रणी भूमिका निभाई। जिला उपाध्यक्ष रेखा पासवान ने बताया कि उस समय 62 वर्ष पूर्ण कर चुकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना पेंशन और ग्रेच्युटी के अचानक रिटायरमेंट का फरमान जारी करते हुए सेवानिर्वित्त कर दिया गया, जो दुःखद है। जिला संरक्षक सूरज प्रताप सिंह ‘पुनीत’ ने कहां कि मुख्यमंत्री द्वारा 7 जून 2018 को एपीसी की अध्यक्षयता में गठित कमेटी और आंगनबाड़ी संगठनों के साथ हुई वार्ता में 8 हजार से 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय बढ़ोत्तरी की घोषणा की गई, जो अब तक नहीं मिली। इसकी वजह से प्रदेश की लगभग 3 लाख 78 हजार आंगनबाड़ी व सहायिकाओं में घोर आक्रोश व निराशा व्याप्त है। अतः आज हम सभी ने निर्णय लिया कि अपनी विभिन्न समस्याओं व मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगपत्र जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपेगे। इस अवसर पर गीता, रीता, संजू, उमा, शीला, अनीता, राममूर्ति, सविता, पूजा, गूंजा, सावित्री सहित सैकड़ों आंगनबाड़ी व सहायिका उपस्थित रहीं। अध्यक्षता आंगनबाड़ी कर्मचारी/ सहायिका व एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष आशा पटेल ने और संचालन रेखा पासवान ने किया।