घमंडी आक्रोशित इंद्र ने ब्रज चौरासी में की थी भारी वर्षा श्रीकृष्ण ने भक्तों की रक्षा को उठाया था गोवर्धन

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अछल्दा औरैया(विपिन गुप्ता)। खुर्दा अछल्दा में केशव नाथ बाबा कमेटी के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में भागवताचार्य पंडित महेश चंद्र पांडे ने गोवर्धन पूजा कथा का प्रसंग वर्णन करते हुए कहा कि घमंडी इंद्र ने आक्रोशित होकर ब्रज चौरासी में मूसलाधार बारिश कर जनमानस के साथ पशु पक्षियों को तबाह कर दिया था ऐसे में भगवान श्री कृष्ण ने अपने सभी भक्तों की रक्षा के लिए विशाल गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण कर सभी भक्तों की रक्षा की थी और तभी से गोवर्धन पूजा का विधान चल रहा है।


भागवताचार्य पंडित महेश चंद्र पांडे ने कहां कि श्रीमद् भागवत कथा सभी पुराणों में सर्वश्रेष्ठ है इस कथा के श्रवण मात्र से मानव का कल्याण आसानी से संभव हो जाता है। उन्होंने कहा कि सदाचरण ही ईश्वर की सच्ची पूजा है सदाचरण करने से जीवन की समस्याओं में कमी आती है। भागवताचार्य ने कहा कि माता पिता और गुरुओं की सेवा व विकलांगों गरीबों से बढ़कर और कोई दूसरा पुण्य कार्य नहीं है आज के इस युग में लोगों को कल्याण के लिए आध्यात्मिकता से जुड़ने के साथ समाज सेवा में भी योगदान करना चाहिए। कथा के विश्राम पर आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके परीक्षित डील सिंह भदौरिया के साथ ही भारी संख्या में श्रोता गण मौजूद थे।

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