भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बयान जारी कर कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी ने जो कहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि वे इस देश में हिंदुओं की जागरूकता को पचा नहीं पा रहे हैं और उल-जुलूल बयान देकर हिंदुओं को बांटने का काम कर रहे हैं।
अपने बयान में केजरीवाल जी ने कहा है कि भगत सिंह ने अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी और फांसी के फंदे पर झूल गए। आगे कहा है कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी।
पोद्दार का कहना है कि सावरकर ने कभी माफी नहीं मांगी। इस प्रकार का बयान देकर केजरीवाल जी भूल रहे हैं कि भगत सिंह के प्रेरणा स्रोत सावरकर थे। सिसोदिया जी की गिरफ्तारी पर दिया गया उट-पटांग बयान घोर निंदनीय है।
संस्था के वरीय राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं ‘इनसे हैं हम’ पुस्तक के प्रधान संपादक डॉ अवधेश कुमार अवध ने कहा है कि वीर सावरकर के घोर विरोधी गुट के इतिहासकार और राजनीतिज्ञ भी मानते हैं कि वीर सावरकर से भगत सिंह मिले थे और सर्वाधिक प्रभावित भी थे। भगत सिंह की जेल में लिखी डायरी में सावरकर के लेखों का एकाधिक बार उद्धरण अभी भी देखा जा सकता है। इतना ही नहीं बल्कि सावरकर जी द्वारा लिखित “1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर” पुस्तक को जन जन तक पहुँचाने का दुरूह कार्य भगत सिंह ने किया था। डॉ अवध ने आगे बताया कि सावरकर और भगत सिंह के बीच छुद्र और पद लोलुप राजनीति के लिए भेद करने के कुत्सित प्रयास करने वाले को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
यह जानकारी भारतीय जन महासभा के द्वारा जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।
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