Wednesday, April 17, 2024
spot_img
HomeBusinessनाइट लाइफ के लिए पलकें बिछाए बैठे हैं दिल्ली के व्यापारी -...

नाइट लाइफ के लिए पलकें बिछाए बैठे हैं दिल्ली के व्यापारी – बृजेश गोयल

दीपक कुमार त्यागी,
स्वतंत्र पत्रकार

दिल्ली में रात को भी दुकानें, रेस्टोरेंट और सिनेमा खुलने से बढ़ेगा 20% व्यापार

होस्पिटेलिटी और रिटेल सेक्टर में होगा जबरदस्त फायदा

नाइट लाइफ की चुनौतियों का भी रखना होगा ध्यान

दिल्ली में ऑनलाइन खरीदारी, डिलिवरी दुकानें, रेस्टोरेंट्स, होटल और परिवहन सुविधाओं सहित 300 से ज्यादा प्रतिष्ठानों को 24 घंटे चलने की अनुमति उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दे दी है। इसके लिए 300 से ज्यादा व्यापारियों ने आवेदन किया था, जिसमें 314 को मंजूरी मिली है। कई आवेदन 2016 से पेंडिंग पड़े थे। इस संबंध में जल्द अधिसूचना भी आने वाली है। इसी पर दिल्ली के व्यापारिक संगठनों की नजर है।

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) चेयरमैन बृजेश गोयल ने ‘नाइट लाइफ’ कल्चर को बढ़ाना देने संबंधी अनुमति पर खुशी जाहिर की है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार पिछले 1 साल से इस दिशा में काम कर रही है और दिल्ली के मार्केट एसोसिएशन्स के अलावा होटल, रेस्टोरेंट, माॅल , बैंक्वेट एवं सिनेमा एसोसिएशन्स ने भी इसको लेकर अपनी सहमति दी थी ,
नोटिफिकेशन आने के बाद देखना पड़ेगा कि किन-किन सेवाओं को शामिल किया गया है और
क्या, इसमें दिल्ली के रिटेल बाजारों की दुकानों को भी छूट दी गई है,

बृजेश गोयल ने कहा कि ‘नाइट लाइफ’ का चलन बढ़ने से कारोबार बढ़ेगा। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, कैब वालों का बिजनेस उठेगा। बहुत से परिवारों में लोग देर शाम को ही जुटते है। वे रातभर खुलने वाले बाजारों में जाकर समय बिता सकेंगे। ‘नाइट लाइफ’ को बेहतर करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर भी ध्यान देना होगा। अभी रात में दिल्ली मेट्रो बंद हो जाती है। डीटीसी और कलस्टर बसें भी सीमित संख्या में चलती हैं। ऑटो और टैक्सी वाले ज्यादा भाड़ा वसूलते हैं। सड़कों पर सुरक्षा की कमी रहती है। महिलाओं के लिए रात में अकेले निकलना आसान नहीं है। नाइट लाइफ में स्ट्रीट वेंडरों को भी शामिल किया जाना बेहद जरूरी है। दिल्ली की नाइट इकॉनमी में केवल महंगी गतिविधियां ही शामिल ना हों, बल्कि समाज का हर वर्ग उसका हिस्सा बन सके, इसको ध्यान में रखकर प्लानिंग करनी होगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छोटे बड़े सभी तरह का व्यवसाय चलाने वालों को इसका लाभ मिल सके। राजनिवास के अधिकारियों की माने तो अगले सप्ताह से राष्ट्रीय राजधानी में 300 से अधिक प्रतिष्ठानों का चौबीसों घंटे संचालन किया जा सकेगा।

24 घंटे काम होगा, तो टूरिज्म बढ़ेगा, क्राइम घटेगा
सीटीआई अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि
हमारी तो 20 सालों से मांग रही है कि दिल्ली में नाइट लाइफ कल्चर को बढ़ावा मिले। इससे दिल्ली का टूरिज्म भी बढ़ेगा। रात में होने वाले क्राइम पर अंकुश लगेगा। दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर आधी रात में लंबी दूरी की बहुत से ट्रेनें, एयरपोर्ट पर दूसरे शहरों और विदेशों से अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स, बस अड्डों पर कई राज्यों की बसें रात-बिरात आती हैं। इनकी सवारियों को आधी रात के बाद दिल्ली में कहीं भी कुछ अच्छा खाने-पीने को नहीं मिलता है। स्थानीय ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी धीमा हो जाता है। मनमाना भाड़ा वसूला जाता है। कई गेस्ट हाउस में किचन नहीं है। आधी रात में कोई अतिथि छोटे बच्चों के साथ आता है, तो उन्हें दूध तक देने का इंतजाम नहीं होता है। मेहमानों को भूखा सोना पड़ता है। यदि नाइट लाइफ को ठीक से शुरू कर दिया, तो अर्थव्यवस्था उठेगी। रोजगार बढ़ेगा। होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट्स, गेस्ट हाउस में दो से तीन शिफ्टों में काम होगा। बाहर से दिल्ली आने वालों को परेशानी नहीं होगी। इसकी अधिसूचना आने पर काफी कुछ स्पष्ट होगा।

मुंबई की नाइट लाइफ का अलग चार्म
मायानगरी मुंबई की नाइट लाइफ का अपना ही एक अलग चार्म है। यहां की भागती-दौड़ती जिंदगी जब शाम ढलते ही ठहरती है, तो महफिल सज जाती है। युवा वर्ग मस्ती और घूमने की फिराक में निकल आता है। अगर यह कहा जाए कि मुंबई की नाइट लाइफ जैसी मस्ती कहीं नहीं, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। यहां कई ऐसी लोकेशन हैं, जहां की नाइट लाइफ कुछ अलग ही बयां करती है और उसका नजारा एकदम नायाब होता है। मुंबई में रातों-रात म्यूजिक, ड्रिंक्स और मस्ती की महफिल जमती है। मुंबई में अंधेरी, बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स, ब्रांद्रा वेस्ट, वर्ली, जूहु, मलाड, शांताक्रूज, कांदीवली, कोलाबा, पवई, नवी मुंबई और लोअर परेल जैसे कई इलाकों में देर रात तक धमाल मचा रहता है। इन जगहों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी हमेशा उपलब्ध रहता है। रातभर पार्टियां चलती हैं। पुलिस भी मुस्तैद रहती है।

इन शहरों में भी नाइट लाइफ कल्चर
बेंगलुरु में भी कई सालों से नाइट लाइफ का कल्चर है। यहां कई जगहों पर 24 घंटे, सातों दिन दुकानें और बाकी दूसरे प्रतिष्ठान खुले रहते हैं। कर्नाटक ने नवंबर 2019 और फिर जनवरी 2021 में नोटिफिकेशन जारी कर उन सभी प्रतिष्ठानों को रातभर खोलने की अनुमति दे दी, जहां 10 से ज्यादा लोग काम करते हैं। इसके अलावा कोलकाता में भी नाइट लाइफ कल्चर की रौनक दिखाई पड़ती है। यहां रात में पब, बार और डांस क्लब गुलजार रहता है। वहीं, गोवा का तो कहना की क्या? यहां तो देशभर के लोग नाइट लाइफ का लुत्फ लेने जाते हैं। समुद्र के कई किनारों पर रेस्टोरेंट्स देर रात तक खुलते हैं। इनमें देसी और विदेशी पर्यटक मौज-मस्ती करते हैं। पूरे दिन और रातभर होटल, रेस्टोरेंट्स, बार, टैक्सी, ट्रैवल वालों को काम मिलता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular