तन मन धन सब साहित्य के लिए अर्पित,सदैव रहे कंगाल
चंदौली।नगर के एक रेस्तरां में मुंशी प्रेमचंद्र स्मृति संगम एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।जिसका शुभारंभ काशी के प्रख्यात समाजसेवी श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव’ गणेश’ प्रमुखअतिथि शिक्षाविद राकेश चन्द्र पाठक’ महाकाल’ विशिष्ट अतिथि के गरिमामयी उपस्थित में सम्पन्न हुई। इस मौके पर साहित्यकारों ने भारत सरकार द्वारा मुंशी प्रेमचंद्र जी के जन्मभूमि लमही के मुंशी प्रेमचंद जी के स्मारक को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किये जाने की खुशी में अनूठे अंदाज में ताली और थाली वादन करके के प्रसन्नता का इजहार किया गया।उक्त अवसर पर उपस्थित लोगों ने भारत रत्न देने की माँग किया।
मुंशी प्रेमचंद स्मृति सम्मान 2021 अस्मिता नाट्य संस्थान के संस्थापक/महासचिव विजय कुमार गुप्ता के संयोजन में पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा समाजिक संस्था के राष्ट्रीय संरक्षक चंद्रभूषण मिश्र “कौशिक” के अध्यक्षता में हिंदी साहित्य भारती के प्रदेश मंत्री-कवि इंद्रजीत निर्भीक के प्रमुख संयोजन व संचालन में मुख्यातिथि श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव”गणेश” ने गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया।
तत्पश्चात मुंशी प्रेमचंद काव्य संगम में कवि सुखमंगल सिंह मंगल(अवध)ने”ना माँग किसी और से उषा की रश्मियां,खुद ही अपने आपसे,स्वयं प्रकाश कर”इंद्रजीत निर्भीक गाजीपुर ने तन मन सब साहित्य के लिए अर्पित किये सदैव रहे कंगाल।कवि चिंतित बनारसी ने गजल-शायरी से वाह वाह लूटा।
मुंशी प्रेमचंद स्मृति संगम के आयोजकर्ता पब्लिक थिंकर्स एसोसिएशन(पिता) एवं ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में समाजिक अभिभावक मोहन रॉय,अभिभावक संघ के अध्यक्ष सतनाम सिंह,संतोष पाठक,डॉ. राजकुमार गुप्ता,डॉ. आनंद श्रीवास्तव,डॉ.उमाशरण,डॉ जी.के पाण्डेय,प्रमोद अग्रहरि,गुड्डू विश्वकर्मा, दिनेश शर्मा,राजीव अरोड़ा,अंजू चौहान, ऊषा गुप्ता राजेश गुप्ता,निशिश रंजन,महंगी ने मुंशी प्रेमचंद जी के कृतित्व व व्यतित्व पर प्रकाश डालते हुए अपने अपने संबोधन में कहा कि मुंशी जी के बहुमुखी,सरल ह्रदय सादगी को हम सभीलोग को आत्मसार्ग करना चाहिए।