गाजीपुर। ऊपर वाला न करे कि आप बीमार हो और आपको अपना जीवन बचाने के लिए जिला अस्पताल जाना पड़े। ऐसा भी हो सकता है कि जिला अस्पताल जाने पर आपको अपनी जान गंवानी पड़े। क्योंकि इस अस्पताल लापरवाही का बोलबाला है। चिकित्सक और कर्मी अपने मनमर्जी से अपनी ड्यूटी करते है। चिकित्सकों-कर्मियों की लापरवाही की वजह से मंगलवार को आक्सीजन के अभाव में एक पत्रकार को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसको लेकर पत्रकारों में इस बात से आक्रोश व्याप्त हो गया कि जब एक पत्रकार के साथ इस अस्पताल में ऐसा हुआ तो आम मरीजों का क्या हाल होता होगा।
मालूम हो कि गरुआ मकसूद निवासी वरिष्ठ पत्रकार गुलाब की तबियत खराब थी। उन्हें सास लेने में दिक्कत हो रही है। उपचार के लिए तीन दिन पहले उन्हें जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। मंगलवार की शाम उन्हें आक्सीजन लगा था। इसी दौरान बिजली 20 मिनट तक बिजली कटी थी, इससे आक्सीजन न मिलने की वजह से तबियत बिगड़ने लगी। इससे साथ मौजूद गुलाब राय पुत्र घबराने लगा। वार्ड में नर्स और कर्मी न होने होने पर इमरजेंसी वार्ड में कई बार गया, लेकिन मरीज को देखने के लिए कोई चिकित्सक नहीं पहुंचा। इससे उनकी मौत हो गई।
इसकी जानकारी होते ही तमाम पत्रकार के साथ ही पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, समाजसेवी विवेक सिंह शम्मी, पूर्व ग्राम प्रधान संजय राय मंटू, भाजपा मीडिया प्रभारी शशिकांत शर्मा, समाजसेवी कुंवर विरेंद्र सिंह आदि जिला अस्पताल पहुंच गए। जैसे ही उन्हें यह जानकारी हुई कि आक्सीजन के अभाव में गुलाब राय की मौत हो हुई, उनके रोष व्याप्त हो गया। गाजीपुर पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विनोद पांडेय ने तत्काल सीएमओ को फोन किया, लेकिन उनका मोबाइल बंद था। फिर उन्होंने जिलाधिकारी को फोन कर मामले के अवगत कराया। सदर एसडीएम अनिरुद्ध प्रताप सिंह, सीएमओ के साथ ही सदर कोतवाल जिला अस्पताल पहुंचे और पत्रकारों से वार्ता की। लेकिन संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पत्रकार जिलाधिकारी को अस्पताल आने की जिद्द पर अड़ गए। डीएम ने दूरभाष पर व्यस्तता का हवाला देते हुए संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार सिंह को जांच के लिए नामित किया। निर्देशित किया कि उपर्युक्त घटना से संबंधित समस्त पहलुओं की जांच 28 जुलाई (बुधवार तक) तक रिपोर्ट प्रेषित करें।