Friday, March 29, 2024
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HomePurvanchalअश्लीलता से दूर नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहित करता है हिन्दी साहित्य भारती

अश्लीलता से दूर नवोदित रचनाकारों को प्रोत्साहित करता है हिन्दी साहित्य भारती

हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री एवं पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश डॉक्टर ओम प्रकाश द्विवेदी कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक,डॉ. कृष्ण कुमार सिंह, प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश ने काशी पत्रकार संघ गोलघर मैदागिन वाराणासी में पत्रकार वार्ता में बताया कि
हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार शुक्ल पूर्व शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश एवं अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री डॉ अनिल शर्मा के निर्देश पर संपूर्ण विश्व के हिंदी साहित्य भारती के सैकड़ों शाखाओं में एक साथ प्रेस वार्ता प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से लगभग 1 वर्ष पूर्ण होने के क्रम में आज हम सब एकत्रित हैं। साहित्य सांस्कृतिक क्षेत्र में अश्लीलता और फूहड़ पन से अलग हटकर मानव समाज के विभिन्न क्षेत्रों के श्रेष्ठ लोगों को हम सब समस्त संसार के लोगों को संगठित कर के प्रबुद्ध साहित्यकारों के दिशा निर्देशन में नवोदित युवा रचनाकारों की कार्यशाला गोष्ठियों के माध्यम से अपने मूल उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अग्रसर हैं और आगे भी रहेंगे इसी क्रम में प्रख्यात साहित्यकार आचार्य देवेंद्र देव प्रदेश प्रभारी डॉ बागीश दिनकर प्रदेश अध्यक्ष एवं डॉक्टर चैतन्य चेतन एडवोकेट प्रदेश महामंत्री उत्तर प्रदेश के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में भी हम सब विभिन्न शाखाओं में पत्रकार वार्ता प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आज महा अभियान साहित्य एकजुटता का मिसाल कायम कर रहे हैं। हिंदी साहित्य भारती विगत 14 सितंबर 2020 से 14 अक्टूबर 2020 तक हिंदी व्याख्यानमाला का आयोजन विभिन्न विषयों पर रोचक एवं ज्ञानवर्धक विद्वानों ने दिया। धर्म बनाम छदम धर्मनिरपेक्षता साहित्य और संस्कृति का अंतर संबंध एवं संस्कार और सांस्कृतिक विषयों पर सप्ताहिकी के अंतर्गत शिक्षाविदों और साहित्यकारों ने तार्किक विवेचना भी प्रस्तुत किया । इस कार्यक्रम के अतिरिक्त हिंदी साहित्य भारती द्वारा पुस्तक समीक्षा महापुरुषों की जयंती और युवा साहित्यकारों के लिए साहित्यिक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया हिंदी साहित्य भारती के संसार के अनेकों विशिष्ट संरक्षक मार्गदर्शक मंडल में पूर्व महामहिम राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कुलपति प्राचार्य विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति लब्ध साहित्यकार नवोदित प्रतिभाशाली साहित्यकारों के अतिरिक्त अनेकों हिंदी प्रेमी और साहित्य में भागी तन मन धन से पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण से जुड़े हैं। हिंदी साहित्य भारती के आवाम राष्ट्र बंधन, अतीत का भी अभिनंदन, पत्र लेखन राष्ट्र वन्दन, कविअभिनंदन, विविध विधाओं में प्रशिक्षण कार्यक्रम, सदस्यता अभियान संगोष्ठीयों का आयोजन और कुलगीत है। हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय मार्गदर्शक मंडल में अनेकों संत महात्माओं के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों में पूर्व राज्यपाल डॉ केसरीनाथ त्रिपाठी, पूर्व राज्यपाल डॉ कप्तान सिंह सोलंकी, पूर्व राज्यपाल डॉ शेखर दत्त आई . ए. एस,. पूर्व कुलपति डॉ अरविंद कुमार वरिष्ठ साहित्यकार , डॉ रत्नाकर निराले, पदम श्री डॉक्टर विष्णु पांडेय, पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे सहित अनेकों विशिष्ट जन है। हिंदी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रविंद्र शुक्ल, उपाध्यक्ष पूर्व कुलपति प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, पूर्व महाप्रबंधक ओएनजीसी के डॉक्टर बुद्धिमान मिश्र ,डॉ नरेश मिश्र वरिष्ठ साहित्यकार , आचार्य देवेद्र देव ,नरेंद्र कुमार वर्मा सहित अनेकों लोगों के अलावा अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ अनिल शर्मा संयुक्त महामंत्री पूर्व संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉक्टर ओम प्रकाश द्विवेदी भी पूर्ण रूप से सक्रिय हैं।

पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से डॉक्टर सुभाष चंद्र कवि सुख मंगल सिंह मंगल राकेश चंद्र पाठक महाकाल कवि चिंतित बनारसी सहित अनेकों रचनाकार भी उपस्थित थे।

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