गाजीपुर। कासिमाबाद थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में अपने मकान में एक युवक ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव के साथ ही मौके पर मिले सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया।
जानकारी के अनुसार कासिमाबाद क्षेत्र के सोनबरसा निवासी राजकुमार यादव का पुत्र पंकज यादव (25) एक पैथालाजी पर रहकर काम सीख रहा था। उसकी पत्नी नंदिनी अपने मायके धनबाद गई हुई है। तीन दिन पहले जब वह अपनी पत्नी और बेटा से धनबाद मिलने जा रहा था तो दादा शिवबचन ने उसे खर्च के लिए दस हजार दिया था। वह पत्नी और बेटा से मिलकर घर लौटा था। रोज की तरह सोमवार की रात भी माता-पिता के साथ खाना खाया इसके बाद अपने कमरा में सोने के लिए चला गया। मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे पत्नी ने कई बार पंकज को फोन किया, लेकिन फोन नहीं रिसिव हुआ। इस पर पत्नी ने अपने श्वसुर को फोन कर कहा कि क्या बात है, पंकज का फोन क्यों नहीं उठ रहा है। इस पर उन्होंने पंकज की मां प्रेमा से कहा कि जरा देखो तो क्या बात है।

मां ने जैसे ही कमरा का दरवाजा खोला तो देखा कि बेटा छत की कुंडी से लगी प्लास्टिक के रस्सी के सहारे लटक रहा था चीखने- चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पास-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंच गए। लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के साथ ही मौके से सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया। सुसाइड नोट में लिखा है कि “मैं पंकज अपने होश हवास में लिख रहा हूं कि मैं अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर पाया ना अपने घर-परिवार के लिए ना अपने बेटा और बीबी के लिए। मैं अपनी बीबी और अपने बेटे से बहुत प्यार करता हूं और अपनी फेमिली से भी और मेरे जाने से सबसे ज्यादा दुखी मेरी बीबी होगी, लेकिन मैं मजबूर हूं। मैं आखिरी बार अपनी बीबी और बेटे को देखने गया था। अब कोई दुख नहीं है। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। नंदिनी आई लव यू और मुझे मांफ कर देना मैं अपने परिवार से मांफी मांग रहा हूं।” मालूम हो कि मृतक पंकज तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। दो भाई नवीन और नीरज है। मृतक का पंकज का एक छह माह का पुत्र है। इस संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक श्याम जी यादव ने बताया मौके से सुसाइड नोट मिला है। पिता की तहरीर पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।