जोशीमठ का अस्तित्व खतरे में – धर्मचंद पोद्दार

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जमशेदपुर: गंगा महासभा बिहार-झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बयान जारी कर कहा है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-स्खलन जारी है। जोशीमठ का अस्तित्व समाप्त होने को है।
प्रोफेसर जी डी अग्रवाल उपाख़्य स्वामी सानंद ने हिमालय की पर्यावरणीय स्थिति के बारे में बहुत कुछ कहा था, जिसे नहीं मानने का हीं प्रतिफल है कि जोशीमठ आज समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। प्रकृति संदेश दे रही है। देवभूमि उत्तराखंड में बनाए गए बांधों को तोड़ा जाए। टनल निकालना व पहाड़ों के साथ छेड़छाड़ करना प्राकृतिक आपदाओं को निमंत्रण देना है।
जिन्हें सिर्फ बांध परियोजनाओं में भारत का विकास दिखता है, वे राष्ट्र दृष्टा कहां है? देवात्मा हिमालय का स्वरूप कौन लौटाएगा?
जोशीमठ के मकानों में आवाजे आ रही है। कड़ाके की ठंड के बावजूद भी लोग घरों के बाहर सो रहे हैं।
कहा कि आज आवश्यकता है कि देवभूमि उत्तराखंड में और कोई भी बांध का निर्माण नहीं हो एवं किसी भी टनल का निर्माण भी नहीं हो। देवभूमि को देवभूमि समझा जाए। अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाए, तभी देवभूमि उत्तराखंड को बचाया जा सकता है।

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