Jounpur  : सिंगापुर के अदालत के फैसले का कनेक्शन

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सिंगापुर की अदालत का आदेश , लिटिल इंडिया का होगा बंटवारा !

सिंगापुर की अदालत के एक फैसले ने जौनपुर के कई परिवारों की तक़दीर बदल दी है।खरबों रुपये की जायदाद के बंटवारे का यह मामला दस बरस से अदालत में अटका था।लिटिल इंडिया के बंटवारे के आदेश से जौनपुर में कई परिवारों का जीवन बदलने वाला है।

क्या है लिटिल इण्डिया !

सिंगापुर में स्थित मुस्तफ़ा सेंटर को लिटिल इंडिया के नाम से जाना जाता है।चार लाख वर्गफुट में फैला मुस्तफ़ा सेंटर दरअसल दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल है।जिसमे दुनिया भर के तीन लाख उत्पाद बिकते हैं।इस मॉल में भारतीय खान पान , पोशाक और भारती कल्चर से जुड़ी हर वस्तु उपलब्ध है।इन्हीं कारणों से लोग इसे लिटिल इंडिया भी कहते हैं।

क्या है लिटिल इंडिया का जौनपुर कनेक्शन !

लिटिल इंडिया यानी मुस्तफ़ा सेंटर के मालिक मुश्ताक़ अहमद मूलतः जौनपुर शहर के उत्तरी छोर पर बसे आदमपुर गांव के निवासी हैं। खरबों रुपये के इस बिज़नेस में भदेठी गांव निवासी फ़ैयाज़ अहमद भी चौथाई हिस्से के पार्टनर हैं।फ़ैयाज़ अहमद को आप नहीं जानते तो हम बता दें कि वह सपा नेता जावेद सिद्दीक़ी के चाचा हैं।

कितने खरब का है मुश्ताक़ का एंपायर !

मुस्तफ़ा सेंटर के मालिक मुश्ताक़ अहमद की गिनती सिंगापुर के बड़े दौलतमंदों में होती है।फोब्र्स पत्रिका के मुताबिक सिंगापुर के अमीरों की सूची में मुश्ताक़ का नाम 37 वें नम्बर पर आता है।इनकी चल अचल सम्पत्तियों की क़ीमत तक़रीबन 25 हज़ार करोड़ बताई जाती है।इतना ही नहीं इनके कारोबार भारत , इंडोनेशिया , मलेशिया , श्रीलंका और कम्बोडिया सहित दुनिया के कई देशों में फैले हैं।इनकी हैसियत का अंदाज़ा इस बात से भी लगा सकते हैं कि सिंगापुर के सैयद अली रोड पर स्थित इनके सात सितारा आवास की कीमत सौ करोड़ से भी ज़्यादा है।

क्या था विवाद और क्या है अदालत का फैसला !

मुश्ताक़ अहमद के तीन छोटे भाईयों में दो अयाज़ अहमद और माज़ अहमद अधिकतर जौनपुर ही रहते थे , तीसरे भाई इश्तियाक़ अहमद मद्रास में गोल्ड का कारोबार संभालते थे।इन तीन भाइयों का बड़े भाई मुश्ताक़ से 2022 में विवाद हो गया।बिज़नेस में 25 फ़ीसदी के पार्टनर फ़ैयाज़ भी मुश्ताक़ से खार खाये बैठे थे। सबने मिलकर संपत्ति के बंटवारे का मुकदमा ठोक दिया।

सिंगापुर की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला यह मुकदमा सिंगापुर से लेकर जौनपुर तक सुर्ख़ियों में रहा।अन्ततः फैसला मुश्ताक़ के तीन भाइयों और पार्टनर फ़ैयाज़ अहमद के पक्ष में आया।

(पत्रकार खुर्शीद अनवर खान की कलम से)

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