Tuesday, January 21, 2025
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मियां भी है, खलीफा भी

(कवि/लेखक संजय रिक्थ की कलम से )
अब टिकैत को और क्या चाहिए। अब तो जीत सुनिश्चित है। इसमें इतनी गरमी है कि छोटी-मोटी दीवारें तो यूं पिघल जाएंगी। कीलें तो उसमें यूं समा जाएंगी, गोया बनी ही उसके लिए हों।

कहते हैं कि बड़ी-बड़ी दाढ़ी वाले बाबा विश्वामित्र जब अड गये कि तपस्या नहीं छोड़ेंगे तो इंद्र को बड़ी चिंता हुई। इंद्र को सदैव इस बात की चिंता रहती थी कि कोई तपस्या से त्रिदेव को प्रसन्न कर इंद्रासन न मांग ले। इससे बचने के लिए उन्होंने क्या-क्या जतन न किये। तुलसी बाबा की कृपा से घर-घर के लोगों को मालूम है कि कुंभकर्ण के निद्रासन मांगने के पीछे कौन था।

ऐसी ही जब विश्वामित्र घोर तप में लीन थे तब भी इंद्र डर गये। सिंहासन डोल उठा। मेनका की शरणागत हुए। बोला कि विश्वामित्र को जगाओ। अपनी अदाओं से रिझाओ। प्रेमजाल में फंसाओ।

मेनका उतरी। अंतिम शिखर तक उतरी। प्रेमांगन की मधुमय धरा पर ऊर्जा का प्रवाह हुआ। विश्वामित्र को स्खलन के बाद अहसास हुआ कि तप तो भंग हो चुका है। कथा आगे भी है। किन्तु आइये हम मियां नामक खलीफा पर आते हैं।

भारत सरकार का नेतृत्व आज एक ऋषि के हाथ में है। वह जो मूल रूप से भारत की राजनीतिक भूमि पर गीता को हृदयस्थ कर मां भारती की सेवा में तल्लीन है। इससे कौरवों को कष्ट है। शकुनियों की चालें चली जा रही हैं। इसलिए अब खलीफाओं को मैदान में उतारा जा रहा है।

मोहतरमा मूल रूप से लेबनान की हैं। २००१ में अमरीका आ गयीं। २०१४ में उन्होंने पौर्न वीडियो में काम करना प्रारंभ किया। यूनिवर्सिटी औफ टेक्सास में बीए करते समय ही उन्होंने अपना जौहर दिखाना शुरू कर दिया था। स्वयं को सपोर्ट करने के लिए ब्रीफकेस गर्ल के रूप में बहुत काम किया। माडलिंग वगैरह से उनका खर्च पूरा नहीं होता था। अंततः पांच फीट दो इंच की अपनी कामुक काया को अस्त्र बना अपने जीवनयापन की जंग में उतर गयी।

वह चर्चा में पहली बार तब आयी जब एक दिन हिजाब पहने अपने कामुक कर्म का पालन कर रही थी। उसकी इस क्रिया से अरबिस्तान नाराज़ हो गया। लगी धमकियां पड़ने। धीरे-धीरे धमकियां भी पसीजीं और यह कई बिस्तरों पर पसीजती रही।

अब यह भारत में भी लोकप्रिय हो गयी है। वह उसी तरह टिकैत के सिंघू बोर्डर पर फैली लीला के समर्थन में खुलकर सामने आयी है जैसे वह पौर्न वीडियो में खुलती रही हैं।

ऐसे में भारत सरकार का परेशान होना उचित ही है। बताइये, अभी-अभी तो टिकैत ने अक्टूबर तक बोर्डर पर टिके रहने की घोषणा की थी। अब मियां खलीफा अगर साथ आ जाय तो कौन कमबख्त घर जाना चाहेगा।

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