स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय रामावतार राय की पुण्यतिथि पर गोष्ठी का आयोजन

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रेवतीपुर: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्राम रेवतीपुर में स्वतंत्रता सेनानी स्व० श्री रामावतार राय जी का पुण्य तिथि पर दिनांक 31-12-2022 को गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित शिक्षक रणधीर यादव ने कहा कि हमें अपने बुजुर्गों से प्रेरणा लेते हुए सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने की आवश्यकता है। इस क्रम में उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में पर्यावरण संरक्षण की महत्ता को बताते हुए आज के इस गोष्ठी में उपस्थित आमजन मानस से इसको लेकर कार्य करने की आवश्यकता पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। ग्राम तिलवा निवासी एवं शिक्षक सत्येन्द्र राय जी ने कहा कि हमारे देश को स्वतंत्र कराने के लिए महात्मा गांधी, भगत सिंह, सहित अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था जिसमें से हमारे क्षेत्र से स्व० रामावतार राय जी भी एक थे जो कि हम सभी के लिए गर्व का विषय है।

राम बचन चौबे ने कहा कि हमारे समाज को गढ़ने में एक गुरु की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है जैसे शिवाजी महाराज को रामदास और चंद्रगुप्त मौर्य को चाणक्य ने बनाया उसी तरह हमें भी युवा पीढ़ी को तैयार करने की आवश्यकता है जिससे कि समाज और राष्ट्र को सही दिशा दि जा सके । कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिनके लिए हमें केवल सरकार के ऊपर निर्भर नहीं रहना चाहिए जैसे कि स्वच्छता अभियान इसमें जन भागीदारी का होना बेहद आवश्यक है। मुख्य वक्ता विश्व मोहन शर्मा ने उपस्थित लोगों को जनपद गाजीपुर और खासकर रेवतीपुर के इतिहास से रुबरु कराते हुए कहा कि गाजीपुर की धरती बलिदानियों और शहिदों की धरती रही है। सन् 1930 के आंदोलन में केवल रेवतीपुर से ही तीस लोग गिरफ्तार हुए थे। सन् 1936 के आंदोलन में भी रेवतीपुर के लोग गिरफ्तार हुए थे। सन् 1941 में भी रेवतीपुर के दस लोग गिरफ्तार हुए थे।

इसी तरह कार्यक्रम में प्रमुख समाजसेवी सचिदानंद राय चाचा, कामेश्वर राय, अवध बिहारी राय, झारखंडे पांडेय, कन्हैया यादव पहलवान, वृंदावन खरवार, कृष्णा नंद राय, संतोष राय , अरुण राय, ज्ञानेंद्र राय छोटू, भोला राम, संजय उपाध्याय, हरे राम पाल, चंद्रमोहन उपाध्याय, राजेश राय, अंकित मिश्रा, आकाश राय इत्यादि गणमान्य लोग उपस्थित रहे व अपने विचारों से वातावरण में देशभक्ति व देशसेवा की नई ऊर्जा का संचार किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनंत देव पाण्डेय अनंत एवं संचालन मृत्यंजय राय अमर ने किया।

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