प्रत्येक मानव के दोनों भौहों के बीच में आज्ञा चक्र स्थित है। जिसमें ईश्वर का वास होता है। उसे हम सब को जागृत करने की जरूरत है। आसमान को जागृत करने पर भी परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता है : अडिग
वाराणसी । महानगर के वरुणा पुल कचहरी रोड स्थित अडिग सभागार में , आत्मशक्ति ही सर्व शक्ति है, इसे जागृत करने की जरूरत है ।प्रत्येक मानव के दोनों भौहों के बीच में आज्ञा चक्र स्थित है। जिसमें ईश्वर का वास होता है। उसे हम सब को जागृत करने की जरूरत है। आसमान को जागृत करने पर भी परमात्मा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसे सदैव जागृत करते रहना चाहिए।
यह उद्गार आत्मा उपासक कवि हठयोगी भविष्यवक्ता अधिवक्ता 5 बार महामहिम राष्ट्रपति पद की प्रबल दावेदारी कर चुके नरेंद्र नाथ दुबे अडिग एडवोकेट ने आत्मा महोत्सव में व्यक्त किया।
महोत्सव में आत्म शक्ति जागरण महा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। जिस में उपस्थित सैकड़ों लोगों को आत्मा उपासक ने आत्मे स्वर महादेव, शिव लिंगम नमो नमः मूल आत्म शुद्धि मंत्र से सभी लोगों ने आत्मा को जागृत किया।
आत्मशक्ति रत्न अलंकरण कवि इंद्रजीत निर्भीक, समाजसेवी श्री प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश, नाट्य रंग विजय कुमार गुप्ता- मुगलसराय, अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार आनंद नारायण सिन्हा , डॉ.सुबाष चंद्र को दिया गया। आत्मशक्ति दर्पण स्मृति सम्मान -फिल्म कलाकार राजश्री वर्मा, राष्ट्रीय कवियित्री पूनम श्रीवास्तव, विजय कोमल सोनी,
पवन कुमार सिंह एडवोकेट, कवि मुनींद्र पांडे मुन्ना, कवि चिंतित बनारसी, कवि जयप्रकाश धाना पुरी, कवि बाले जौनपुरी, कवि दिलीप चौहान बागी,श्रवण कुमार नागवानी, राजकुमार गुप्ता, कवि विनोद मिश्र-शिक्षक चिरईगांव को जौनपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता, कवि एवं पत्रकार शरदेंदु चतुर्वेदी के अध्यक्षता में,
कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक के संयोजन/संचालन में , श्रीप्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश के स्वागत संरक्षण में भेंट किया गया।
कवि सम्मेलन में कवियित्री पूनम श्रीवास्तव ने सोहर के बाद
दर्दों गम का सिला नहीं देती, जो खता हो सजा नहीं देती, अपनी औलाद चाहे जैसी हो, मां उसे बद्दुआ नहीं देती। कवि इंद्रजीत निर्भीक ने सजन अब तुझे छोड़ जाऊं कहां मैं ,लगी चोट दिल में दिखाऊं कहा मैं। कवि अडिग ने-हम तो रखते हैं उसी से वास्ता, जो कराता है जमकर के नाश्ता।
कवि चपाचप बनारसी ने-लाल टमाटर देहरादून, काट राजा दूननू जून। कवि चिंतित बनारसी ने-अपने ही घर में जैसे गुनाहगार हो गए सुनाकर जोरदार ठहाका लगवाया।
उक्त आयोजन डॉ अजीत श्रीवास्तव चकाचक बनारसी कवि नरेंद्र नाथ दुबे एडवोकेट एवं शिक्षाविद राकेश चंद्र पाठक महाकाल के जन्मदिन के अवसर पर तीनों लोगों ने अपने जीवन को आत्मा को समर्पित करने के दौरान संपन्न हुआ। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने अपने-अपने तरीके से खुशियों का इजहार किया।
स्वागत संयोजन में सावित्री दुबे,खुशबू दुबे, अनुज कुमार दुबे, ध्रुव कुमार दुबे,रूद्र कुमार दुबे सहित अनेकों लोग सक्रिय रहे।
स्वागत संबोधन राष्ट्रीय मानवाधिकार रक्षा बोर्ड के वाराणसी जिला अध्यक्ष श्रवण कुमार नागवानी ने व्यक्त किया।
धन्यवाद आभार स्वागत संरक्षक श्री प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश एवं विजय कुमार सोनी ने व्यक्त किया।