गायत्री परिवार ने छेड़ी शराब ठेके के खिलाफ जंग
गाज़ीपुर /हम सभी (अखिल विश्व गायत्री परिवार) आज नहीं विगत कई वर्षों से एक स्वच्छ,सभ्य और संस्कारयुक्त समाज बनाने के अपने भगीरथ प्रयास में लगे हैं और इसमें बहुत हद तक सफल भी हैं। गायत्री परिवार का नाम जब भी आता है तो बहुत से लोगों को ये लगता है कि ये लोग यज्ञ बहुत अच्छा करवाते हैं, इनकी कलश यात्रा, झांकी इनके कार्यक्रम बहुत अच्छे और शानदार होते है। ये लोग बिना किसी अतिरिक्त व्यय के पूजा पाठ बहुत अच्छा करवाते हैं। लेकिन आपको बता दें इसके अतिरिक्त गायत्री परिवार का एक रूप और है, और वो है क्रांतिधर्मी का, हमारे कार्यक्रम प्रचारात्मक भी है, साधनात्मक भी, रचनात्मक भी और आवश्यकता पड़ने पर संघर्षात्मक भी। अभी कुछ दिनों पहले गाजीपुर जनपद के गोड़ा देहाती फुल्लनपुर (क्रॉसिंग के पास) में गायत्री शक्तिपीठ के बिल्कुल पास में विभाग ने शराब के ठेके खोलने की अनुमति दे दी और ये शराब की दुकान उस मार्ग पर है जिस मार्ग से उस गांव और उससे सटी कॉलोनी के सभी महिलाएं, लड़कियां-लड़के, स्कूली बच्चे, बड़े-बुजुर्ग सभी का आना जाना है। और शराबियों की जमात ऐसी है कि नशे में धुत्त होने के बाद बीच सड़क पर अश्लीलता, अभद्रता, गाली गलौज, महिलाओं को देखकर फब्तियां कसना आम बात हो गई है। पहले तो एक ही ठेका खुला लेकिन कुछ दिनों बाद एक और दुकान के लिए गुमटी लाकर रख दिया गया।* उपहास्पद तो ये है कि जहां एक ओर शासन प्रशासन की तरफ से मद्य निषेध विभाग, तंबाकू निषेध दिवस, नशा मुक्ति केंद्र जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को नशे से दूर रहने और बचने के लिए प्रेरित किया जाता है तो वहीं दूसरी तरफ शराब और अन्य नशीले पदार्थों के विक्रय का लाइसेंस भी दिया जाता है। महिलाओं के सम्मान के लिए मिशन शक्ति, नारी वंदन और न जाने कितने ही कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ऐसे में इन नशे के व्यापारियों और नशेबाजों पर अंकुश लगाने और इन्हे बंद करने के बारे में क्यों नहीं सोचा जाता है.? नशे की हालत में महिलाओं पर होने वाले घरेलू हिंसा, अत्याचार, बलात्कार और तो और आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं को देखे तो इन सभी के पीछे कहीं न कहीं ये नशाखोरी, ये शराब ही मुख्य वजह है।
रिपोर्ट बताती है कि हमारे देश में प्रतिवर्ष खरबों रूपये नशे की होली में फूंका जा रहा है। भारत मे पागलों की संख्या 60% शराब के कारण है। 50% से अधिक सड़क व हवाई दुर्घटना नशा प्रभावित लोगों से होती है। ज्यादातर चोरी, डकैती, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों का मूल कारण नशा ही है।* अब प्रश्न ये उठता है कि नशे के कारण इतनी बर्बादी के बाद भी शासन प्रशासन इसका समर्थन और इसे बढ़ावा देने में क्यों जुटा है.? लेकिन अखिल विश्व गायत्री परिवार भी अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य के साथ इस नशे के असुर नशासुर के विरुद्ध डटकर खड़ा है।
आप सभी से अनुरोध और प्रार्थना है कि ये सिर्फ गायत्री परिवार का कोई व्यक्तिगत आंदोलन, कोई व्यक्तिगत कार्य नही है ये जनांदोलन हम सबका, आप सबका है। यदि आप और हम ये चाहते है कि हमारी बहन, बेटियां, हमारे घर की महिलाएं सुरक्षित समाज में रह सकें, हमारे देश का युवा मात्र ऊपरी स्मार्टनेस, बनावट दिखावा में रह कर अंदर से खोखला न हो, उसके अंदर भी प्रताप, शिवाजी, भगत, चंद्रशेखर जैसा पराक्रम हो और वो गलत के विरुद्ध आवाज उठाने को तत्पर रहे तो आईए और इस नशा उन्मूलन अभियान के साथ खड़े होने का प्रयास करिए, अपनी शक्ति सामर्थ्य लगाइए, आपका आवाहन है।
गोड़ा देहाती गांव, प्रज्ञा नगर कॉलोनी और उसके आस पास बसी सभी कॉलोनियों के लोगों के साथ ही आप सभी से निवेदन है कि अपने नौनिहालों, महिलाओं और युवाओं के भविष्य के लिए इस जनांदोलन को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाए ताकि शासन सत्ता भी इस बात को जाने, समझे और इस शराब के ठेकों को यहां से पूरी तरह हटाए।