पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर कर रहा है जिला परिषद वार्डों का नया राजनीतिक परिसीमन: डॉ. ऋतिक शर्मा

“प्रस्तावित नक्शा जनभावनाओं के विपरीत, पंचायतों की आत्मनिर्भरता पर सीधा प्रहार”

बिलासपुर, 8 मई 2025।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में ज़िला परिषद वार्डों के हाल ही में प्रकाशित प्रस्तावित परिसीमन नक्शे ने व्यापक जन असंतोष को जन्म दे दिया है। इस मुद्दे पर मुखर होते हुए राज्य स्तरीय सामाजिक कार्यकर्ता, जनस्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठित चिकित्सक एवं अखिल भारतीय चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ऋतिक शर्मा ने इसे पंचायत व्यवस्था के मूल ढांचे पर चोट करार दिया है।

डॉ. ऋतिक ने स्पष्ट कहा कि,
“पंचायती राज लोकतंत्र की जड़ों में वह आत्मा है, जो गाँव से लेकर देश की संसद तक को ताकत देती है। यदि ज़िला परिषदों के परिसीमन को इस प्रकार से राजनीतिक स्वार्थों की बलिवेदी पर चढ़ाया जाएगा, तो यह न केवल संविधान की भावना का अपमान है, बल्कि यह ग्रामीण विकास की रीढ़ तोड़ने के समान है।”

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रकाशित प्रस्ताव में कई ऐसे पंचायतों को एक ही वार्ड में जोड़ दिया गया है, जिनका सामाजिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक या प्रशासनिक कोई तारतम्य नहीं है। कई क्षेत्रों की जनसंख्या का असंतुलन, पहाड़ी भौगोलिक संरचना की अनदेखी और प्राकृतिक सीमाओं की अवहेलना ने परिसीमन की न्यायिकता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

डॉ. ऋतिक शर्मा ने इसे एक “राजनीतिक रूप से प्रेरित और तात्कालिक लाभ हेतु तैयार किया गया” प्रयास बताते हुए प्रशासन से माँग की कि –
1. इस प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
2. एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और विशेषज्ञों की समिति गठित की जाए, जिसमें भौगोलिक, सामाजिक और जनसंख्या संतुलन को ध्यान में रखते हुए पुनः परिसीमन किया जाए।
3. जनसुनवाई की प्रक्रिया को पारदर्शी और सार्वजनिक मंचों पर किया जाए ताकि आम जन की भागीदारी सुनिश्चित हो।

उन्होंने सभी सामाजिक संगठनों, पंचायत प्रतिनिधियों और जागरूक नागरिकों से भी आह्वान किया कि वे 13 मई 2025 तक अपने क्षेत्रीय उपमंडल कार्यालय में लिखित आपत्तियाँ जमा कराएं।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस मुद्दे को हल्के में लिया, तो एक सशक्त जनआंदोलन छेड़ा जाएगा ताकि पंचायती स्वायत्तता की रक्षा की जा सके।

“यह केवल वार्डों की सीमाओं का प्रश्न नहीं, यह ग्रामीण स्वराज और लोकतांत्रिक भागीदारी की रक्षा का प्रश्न है। हम इसे राजनीति की बिसात पर कुर्बान नहीं होने देंगे,” — डॉ. ऋतिक ने दो टूक कहा।

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