रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट भरने वाले को आज तक नहीं मिला आवास

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शासन-प्रशासन ने भी अभी रिक्शा चालक की नहीं ली सुध, शासन-प्रशासन है बेखबर

विपिन गुप्ता, कंचौसी( औरैया)

गरीब और बेसहारा लोगों की किसी भी प्रकार की कोई सुनने और सुध लेने वाला तक नहीं है। उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया की तहसील बिधूना ब्लाक सहार के ग्राम घन श्यामपुर कंचौसी बाजार निवासी कुंअर लाल पुत्र भीखाराम उम्र करीब 65 वर्ष ने अपनी नम आंखों से बताया है कि वह कच्चे मकान में लगभग 30 वर्षों से रह रहा है। कई प्रधानों से आरजू और मिन्नत करने के बाबजूद भी उसे आज तक किसी ने भी आवास नहीं दिया और न कभी मिला। वृद्धावस्था पेंशन या कोई अन्य सरकारी सुविधाएं भी न मिलने के कारण वह रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। रिक्शा चालक ने बताया है कि उसकी एक विवाह के लिए बेटी भी है। लेकिन विवाह के लिए पैसे ही नहीं है। किसी प्रधान या नेता ने इस गरीब की ओर झांककर भी कभी नहीं देखा। शासन-प्रशासन को ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनकी मदद करनी चाहिए। क्योंकि दुनिया जाने या ना जाने लेकिन भगवान तो सब कुछ जानता है। 65 वर्ष की उम्र में रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट भरना यह एक सोचनीय और सरकार के लिए विचारणीय वाला विषय है। देखना यह है कि अब ऊपर वाले की इस गरीब रिक्शा चालक पर कब तक दया दृष्टि होगी।

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