तुलसीदास ने गृहस्थ आश्रम में भगवत भक्ति का मार्ग दिया : पं० अरविन्द तिवारी “व्यास”

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सुहवल में रामकथा के चौथे दिन भरत चरित्र और केवट प्रसंग

गाजीपुर,14 अक्टुबर। रामचरितमानस व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाता है । तुलसी ने सांसारिक मोह माया से दूर होकर भगवत भक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हुए गृहस्थ जीवन को भी मंगलमय बनाने का साधन मानस के माध्यम से व्यक्ति को दिया है । भक्ति वह साधन है जिससे मानव मात्र ईश्वर को प्राप्त कर लेता है।

उक्त विचार सुहवल गांव के महदेवां शिव मंदिर पर आयोजित सात दिवसीय रामकथा में व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए युग तुलसी पंडित रामकिंकर जी के कृपा पात्र पंडित उमाशंकर व्यास के शिष्य पंडित अरविंद तिवारी व्यास द्वारा व्यक्त किया गया । उन्होंने भरत चरित की व्याख्या करते हुए पारिवारिक जीवन को मानस से जोड़कर इस लोक को कल्याणकारी बनाने का संदेश दिया। आज की कथा में केवट प्रसंग का वृहद वर्णन किया गया।

सात दिवस तक चलने वाले यह राम कथा प्रवचन कार्यक्रम 11 अक्टूबर से शुरू हुआ था जो 17 अक्टूबर को हवन पूजन के साथ संपन्न होगा । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्रवण कुमार राय ,सुनील कुमार, नवीन कुमार राय , देवेंद्र शुक्ला, लल्लन राय, विनोद कुमार राय ,सर्वेश्वर नारायण राय, दया शंकर पांडे, मंगरू प्रसाद साह, लल्लन गुप्ता ,बब्बन यादव ,अमरेन्द्र पटेल आदि प्रमुख थे ।संचालन भगवती प्रसाद तिवारी ने किया ।

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