“लगे जब पंख कागज के मिला एहसास उड़ने का”

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गाजियाबाद । अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच (रजि.) उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की 12वीं काव्य गोष्ठी आज सोमवार 5 दिसंबर को गांधर्व संगीत महाविद्यालय गाजियाबाद में आयोजित की गई, जिसके संस्थापक आदरणीय नरेश नाज जी हैं।


गोष्टी की मुख्य अतिथि श्रीमती सुषमा सवेरा, अध्यक्ष महिला काव्य मंच मेरठ जिला तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ तारा गुप्ता ,(अध्यक्ष) महिला काव्य मंच जिला गाजियाबाद द्वारा की गई कार्यक्रम का संचालन रश्मि श्रीधर (सचिव) तथा संयोजिका गार्गी कौशिक रही इन्हीं की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का आरंभ हुआ ।
गोष्ठी में उपस्थित 17 रचनाकारों ने साहित्य की विभिन्न विधाओं में एक से एक बढ़कर स्वरचित रचनाएं पढ़ीं/ मुख्यतः गीत गजल, छंद, मुक्तक, माहिया, तथा दोहा सुना कर सब ने अपनी अपनी रचना धर्मिता का बखूबी परिचय दीया / रश्मि श्रीधर तथा आभा बंसल (सचिव) सहित डॉक्टर (मेजर) प्राची गर्ग, डॉ मोनिका कौशिक, डॉक्टर आरती बंसल, स्मिता श्रीवास्तव ,मंजू बिश्नोई गुप्ता, सीमा भड़ाना, डॉक्टर सरिता गर्ग ,गीतांजलि जादौन तथा आशु सिंह की श्रीमती रेणुका शर्मा की उपस्थिति सराहनीय रही।


कार्यक्रम का समापन डॉक्टर तारा गुप्ता ने अध्यक्षीय वक्तव्य अपनी ग़ज़ल के साथ दिया अतः कविता समष्टि चेतना का विकास करके स्वार्थी चेतना को सुसंस्कृत बनाती हैं
“लगे जब पंख कागज के मिला एहसास उड़ने का
मगर आभास था पूरा किसी के बाण लगने का
समुंदर से मिली जाकर धरा की सैकड़ों नदियां
समर्पण ही तरीका है स्वयं को रिक्त करने का”
डॉक्टर तारा गुप्ता सभी सदस्यों द्वारा स्वादिष्ट वे रुचिकर जलपान के लिए गार्गी कौशिक को बधाई दी।


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