भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महानायिका झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती बुधवार को भारतीय जन महासभा के लोगों ने देश-विदेश के अनेक स्थानों पर मनायी।संस्था के अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बताया कि झांसी की रानी के वंशज उनकी जयंती हिंदी तिथि के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को मनाते आ रहे हैं और यही कार्य हम सब ने भी किया है।जमशेदपुर (झारखंड) के डिमना चौक स्थित सार्वजनिक पार्क में भी जयंती मनाई गयी।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री पोद्दार ने कहा कि राजा गंगाधर राव के श्राद्ध भोज के ठीक पश्चात भारत के कोने-कोने से पधारे राजा-महाराजाओं के साथ हुई बैठक में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने स्वतंत्रता संग्राम की तिथि 31 मई और समय प्रातः 11:00 बजे का नियत किया था। अगर 21 दिन पहले 10 मई को जोश में होश खो देने के कारण स्वतंत्रता संग्राम का लावा नहीं फूटा होता, तो हम 1947 की जगह 1857 में 90 वर्ष पूर्व ही स्वतंत्र हो गए होते। आज आवश्यकता है कि सारे भारतीय समय के पाबंद बने।
जयंती मनाने वालों में मुख्य रूप से श्री पोद्दार के अलावे ए. के. जिंदल, रवि शंकर झा, अजीत सिंह, मधु सिन्हा, प्रीति कुमारी, नीलम यादव, निशा वाणी, जी. रूपा, पी. सत्यवती, आरती श्रीवास्तव, सुनील कुमार खेतान, अनीता यादव, अरुण कुमार बुधिया, अरुण कुमार साबू, बिदेह नंदिनी चौधरी, ओम प्रकाश अग्रवाल, बिमल कुमार लच्छीरामका, पुष्पेंद्र सिसोदिया, अंतर्यामी पांडा, डॉ अंकेश कुमार, दुर्गा मुखोपाध्याय, मेघाश्री मुखोपाध्याय, सुखेन मुखोपाध्याय, मोती लाल शर्मा, नरेंद्र पुरोहित, डॉ० आर. एस. अग्रवाल, शिव शंकर पाल एवं अन्य के नाम सम्मिलित हैं।