उत्साह और उल्लास के बीच कालिया का मानमर्दन

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तुलसीघाट पर लीला देखने पहुंचे काशीवासी

वाराणसी । शिवनगरी में आज भगवान कृष्ण कालिया मानमर्दन किया । काशी की ख्यात नागनथैया लीला कार्तिक शुक्ल चतुर्थी पर आज बुद्धवार को कोरोना के साये में सम्पन्न हुई। तुलसी घाट पर गंगा नदी यमुना के रूप होंगी वहीं लीलाधर भगवान श्रीकृष्ण कंदुक खेला और कालिय के फन नाथने के बाद उपस्थित भक्तों को दर्शन दिये। इस मौके भारी पुलिस व्यवस्था की गयी थी।

बतातें चलें कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 450 साल पहले शुरू कराई गई कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तद्नुसार बुधवार की शाम तुलसीघाट पर भगवान श्रीकृष्ण की नागनथैया लीला सम्पन्न हुई।इसमें विशाल नाग के फन पर चढ़ प्रभु श्रीकृष्ण जल में परिक्रमा करते हुए उपस्थित जनसमूदाय को दर्शन दिये। संकट मोचन संगीत समारोह के फेसबुक पेज पर देश-विदेश में इस लीला को देखने वाले भक्तों के लिए सजीव प्रसारण की व्यवस्था की गयी थी।
बता दें कि काशी के नागनथैया के आयोजन की मान्‍यता काशी ही नहीं बल्कि समूचे देश  में है। शिव की नगरी काशी में अनोखा नजारा होगा जब हर हर महादेव के साथ मोर मुकुट बंशी वाले की जय का नारे से काशी में माहौल पूरी तरह भक्ति भाव में डूब गया। गंगा नदी कुछ देर के लिए यमुना बनाई गयी थी। श्रीकृष्ण के इस रूप का दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। काशी नरेश भी आयोजन में शामिल हुए। इस मौके पर संकट मोचन मंदिर के महंत विश्वभंरनाथ मिश्र ने श्रीकाशी नरेश का माला पहनाकर अभिवादन किया।

काशीनरेश का अभिवादन करते संकटमोचन मंदिर के महंत पं० विश्वभरनाथ मिश्र।


श्रीकृष्णलीला के अनुसार यमुना नदी के पास कंदूक या बॉल खेलते समय वह नदी में गिर जाता है तब भगवन के सखा उनसे वह लाने की जिद करते हैं। मगर किसी की भी हिम्मत नहीं होती है कि वह अंदर जा सके और कंदूक को ला सके। इसकी वजह रहता है कालिया नाग जो कि भयंकर और जहकीला रहता है। नटवर नागर अंदर जाते हैं और कंदूक ले आते हैं। इतना ही नहीं वह कालिया नाग के घमंड का भी मर्दन कर देते हैं। भारत भर से लोग यह मेला देखने तुलसी घाट पर आते हैं और हर-हर महादेव के साथ जय श्रीकृष्ण का भी उद्घोष करते हैं।  

कदंब के डालपर लीला करते लीलाधारी।

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