भारतीय राजनीति के दो अपराजेय योद्धा:

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उत्तर प्रदेश में प्रत्येक चरण के चुनाव में अमित शाह  जी का माइक्रो मैनेजमेंट निश्चित रूप से विपक्ष को पूर्ण रूप से धराशाई करता आ रहा है और यह एक अभूतपूर्व विजय का शुभ संकेत है।

संगठन गढ़ने की अद्वितीय क्षमता के धनी अमित शाह जी को राजनीति में बहुत से लोग वर्तमान युग का चाणक्य भी कहते हैं और प्रत्येक मुश्किल दिख रहे चुनाव में वह जिस प्रकार से अंतिम समय में भाजपा के पक्ष में बाजी पलटने में सफल हो रहे हैं वह निसंदेह उनकी कुशल कूटनीति का परिचायक है।

महाभारत के इस रण में एक तरफ जहां नरेंद्र मोदी अर्जुन की भूमिका में संपूर्ण विपक्ष को चुनौती दे रहे हैं और सभी को परास्त कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भीम की भांति अमित शाह एक-एक करके कौरवों का विनाश करते जा रहे हैं , यहां गौर करने वाली बात यह है कि इस महाभारत का भीम भी कौटिल्य की भांति एक कुशल रणनीतिकार है।

2024 के चुनाव परिणाम के उपरांत बहुत से रणनीतिकार और मैनेजमेंट गुरु अमित शाह जी के इस कुशल चुनाव प्रबंधन पर लंबे-लंबे व्याख्यान देंगे, अतिशयोक्ति नहीं होगी यदि मैं यह कहूं की आने वाले समय में अमित शाह की कूटनीति और रणनीति पर विश्व की सभी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी गहन अध्ययन करेंगी और अपने राजनीतिक शास्त्र में उनको शामिल भी करेंगी।



विपक्ष के EVM के बहाने को तो भाजपा का पोलिंग एजेंट अकेले ही निष्क्रिय कर सकता है क्योंकि वह अपना पोलिंग बूथ फॉर्म 17C लेकर के ही छोड़ता है और यदि विपक्ष के पास ऐसे निष्ठावान कार्यकर्ता नहीं है तो भी वह फॉर्म 17c से EVM का मिलन आसानी से कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश में इस बार की विजय अब तक की सबसे बड़ी विजय होने जा रही है और उत्तर प्रदेश की जनता एक बार फिर से नरेंद्र मोदी जी को विश्व के सशक्त नेता के रूप में स्थापित करने जा रही है।
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अर्पित मिश्रा

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