भारतीय जन महासभा के अध्यक्ष धर्म चंद्र पोद्दार ने बयान जारी कर कहा है कि जातिगत संगठनो के नाम पर किसी भी महापुरुष की जयंती मनाना उक्त महापुरुष के कद को छोटा करना है।

हमारे सभी महापुरुष किसी जाति विशेष के नहीं थे, अपितु पूरे हिंदू समाज के थे। उन्होंने कभी जाति विशेष के लिए महान कार्य नहीं किये। जातिगत संगठनों को चाहिए कि एक अलग जयंती समारोह समिति बनाकर उनकी जयंती मनाये, जिसमें हिंदू समाज के सभी लोग सम्मिलित हो।
आने वाली ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया सं० २०८० तदनुसार अंग्रेजी तिथि 22 मई 2023 को महाराणा प्रताप की जयंती है।
पिछले 600 वर्षों से महाराणा प्रताप के वंशज उनकी जयंती ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया को ही मनाते आ रहे हैं। कुछ संगठन अंग्रेजी तिथि के अनुसार उनकी जयंती 9 मई को मनाते हैं, जो कि सरासर गलत है।
हम उनके वंशजों के द्वारा मनाई जाने वाली जयंती तिथि का अनुसरण करें, वही उचित होगा।
एक और ध्यान देने वाली बात है कि कुछ संगठन अपने बैनर में महापुरुषों की फोटो के साथ अपने पदाधिकारियों की फोटो लगाते हैं, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इन महापुरुषों के एक छोटे से अंश के बराबर भी हम लोग नहीं है, तो फिर कैसे उनके समकक्ष अपनी फोटो लगाते हैं। इस पर विचार करना चाहिए।