उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में बसपा दलबदलूओं के लेकर आक्रामक रुख अपना लिया है । रास प्रत्याशी को लेकर बगावत करने वाले बसपा के 7 बागी विधायकों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। बसपा सुप्रिमों ने सभी सात बागी विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है अब इनकी सदस्यता समाप्त करने को लेकर कमर कस चुकी है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बसपा गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित से मिलकर सभी बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अपील करेगी। इतना ही नहीं बसपा इन सभी बागियों के खिलाफ 420 के तहत केस भी दर्ज करवा सकती है। गौरतलब है कि बुधवार को बसपा में बगावत उस वक्त खुलकर सामने आ गई, जब पार्टी के पांच विधायकों ने राज्य सभा प्रत्याशी रामजी गौतम के प्रस्तावक के तौर पर नाम वापस ले लिया और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए। हालांकि, बाद में विधायकों ने अखिलेश से मुलाकात की बात का इनकार किया। इस बीच बागी विधायकों की संख्या बढ़कर सात हो गई. पहले पांच विधायकों असलम राइनी, असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और हरगोविंद भार्गव का नाम सामने आया। इसके बाद सुषमा पटेल और सगड़ी विधायक वंदना सिंह का नाम भी बागियों के लिस्ट में जुड़ गया। बसपा सुप्रीमो मायावती का इतिहास देखें तो वे बागियों के खिलाफ किसी भी तौर की नरमी नहीं दिखाती हैं लिहाजा माना जा रहा है कि पार्टी सभी को निलंबित कर उनके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत सदस्यता रद्द करने की अपील करेगी।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा से जब इस बाबत पूछ गया तो उन्होंने खुलकर कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला आगे लिया जाएगा।सतीश चंद्र मिश्रा ने बागियों के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया।सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि ये खरीद फरोख्त की राजनीति समाजवादी की पुरानी परंपरा है. इसमें कोई नई चीज नहीं है।उन्होंने जो संदेशा दिया है, वो अपने खिलाफ दिया है।पूरा देश-प्रदेश उनके खिलाफ थू-थू करने का काम करेगा. मामले में बागी विधायकों पर बसपा की तरफ से कार्रवाई के सवाल पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि कार्रवाई करेंगे, आपको पता लग जाएगा।
राज्यसभा चुनाव के लिए 10 सीटों के लिए हुए नामांकन में बुधवार का दिन हंगामेदार रहा। रात होते-होते रिटर्निंग ऑफिसर ने आखिरकार तय कर दिया कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रामजी गौतम का पर्चा वैध है. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज का पर्चा अवैध करार दिया गया। इसके बाद गुरुवार की सुबह बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली में अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए उन सभी सातों बागी विधायकों पर गाज गिराई।जिन्होंने बसपा के प्रत्याशी के नामांकन में प्रस्तावक से अपना नाम वापस लिया था।इसके साथ ही दो विधायक और भी थे, जिन्होंने बसपा से बगावत की थी ।इन सभी सातों विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया है।एक तरफ बसपा सुप्रीमो का फैसला आया तो दूसरी तरफ यह सभी बागी विधायक लखनऊ में एक साथ जमा थे। बागी विधायकों में असलम रायनी, असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी, हकीम लाल बिंद, हर गोविंद भार्गव एक साथ मौजूद थे. सुषमा पटेल और वंदना सिंह अपने आवास पर मौजूद रही। असलम रायिनी ने कहा कि बहन जी के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं अब हम अपना हित तलाशने के लिए स्वतंत्र हैं वहीं असलम चौधरी ने कहा कि मैं बसपा का पुराना कार्यकर्ता रहा हूं बहन जी के फैसले के बाद भी हम अभी पार्टी से विधायक हैं,मैं बसपा में था और रहूंगा। हकीमलाल बिंद ने कहा कि हम अभी यहां पर 5 लोग इकट्ठा हैं। बाकी के विधायकों से मुलाकात करके आगे की रणनीति का फैसला लिया जाएगा।यानी कहीं ना कहीं यह बागी विधायक बसपा से दो-दो हाथ करने की तैयारी में हैं. खबरों की माने तो बसपा की सभी बागी विधायक आज अखिलेश यादव से भी मुलाकात कर सकते हैं. इससे पहले कल भी इन सभी बागी विधायकों ने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. कई विधायकों की मुलाकात की तो फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. फिलहाल बागी विधायकों के पास कई मौके हैं. अब देखना यह होगा कि पार्टी से निष्कासन के बाद के बागी विधायकों का क्या रुख होता है।