Thursday, May 1, 2025
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‘छोटे मन की क्षुद्रता पर बड़े मन की उदारता की विजय का उत्सव’

विजयादशमी

नवरात्रि के नौ दिनों के बाद, दसवाँ दिन, जिसे दशहरा या विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है ।

इस दिन हम छोटे मन की क्षुद्रता पर बड़े मन की उदारता की विजय का उत्सव मनाते हैं ।

रामायण के अनुसार, विजयदशमी उस दिन को चिह्नित करती है जब भगवान राम ने राक्षस राजा रावण को पराजित किया था । नवरात्रि का दसवाँ दिन महिषासुर राक्षस पर देवी दुर्गा की विजय का भी प्रतीक है ।

सामान्यत: जब नकारात्मक प्रवृत्तियाँ मन पर हावी हो जाती है तो हम उससे लड़ते रहते हैं । तब हम यह कहकर उसे (मन को) देवत्व को सौंप देते हैं कि “मैं अपने मन से नहीं लड़ सकता, इसलिए आप इसका ध्यान रखें और आप मुझे रास्ता दिखाएँ ।”

यही नवरात्रि के नौ दिनों का प्रतीक है, अर्थात् आध्यात्मिक शक्ति की विजय, क्षुद्रता और छोटी चीजों के ऊपर उच्च आत्म ।

मन की कई स्थितियाँ या अवस्थाएँ हैं, परंतु आम तौर पर आप उन्हें तीन प्रकारों में वर्गीकृत कर सकते हैं :

जब सांसारिक या आध्यात्मिक अनुभवों की लालसा या तृष्णा हो ।

जब आलस्य होता है । तब न तो लालसा है और न ही किसी चीज में कोई रुचि होती है । हमारे मन में जड़ता की भावना होती है । तुम बस जड़ता के साथ बने रहते हो । यह स्थिति जीवन में जब-तब बनी रह सकती है ।

जब संतोष, सुख और आनंद हो ।

पुज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी

इन सारे उत्सव का उद्देश्य जड़ता से आनंद की ओर बढ़ना है; लालसा से संतोष की ओर बढ़ना है ।

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मन की ओर देखते तक नहीं, बस काम करते रहते हैं । फिर कुछ ऐसे भी होते हैं जो हर समय अपने ही मन को देखते रहते हैं । दोनों अच्छे नहीं हैं । बीच का रास्ता अपनाएँ । मन को भी अवश्य देखें, कभी-कभार; परंतु हर समय नहीं । क्या आप समझ रहे हैं कि मैं क्या कह रहा हूँ ? अन्यथा आप आत्मकेन्द्रित हो जाओगे, हर समय यही सोचते रहोगे, ‘मुझे क्या चाहिए ?’ या ‘मैं ऐसा अनुभव कर रहा हूँ ।’

आप कैसा महसूस करते हैं, इसके बारे में भूल जाओ । भावनाएँ बदलती रहती हैं – एक क्षण वे अच्छी होती हैं, अगले क्षण वे अच्छी नहीं होती, तो क्या ! वीरता और साहस के साथ आगे बढ़ें । छोटे मन को जीत लेना विजयादशमी है ।

छोटे मन में कलह, निर्णय और हर तरह का शोर होता है जो चलता रहता है । नवरात्रि इन प्रवृत्तियों को दूर करने और स्रोत के साथ एक होने का समय है ।

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी

विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ । 🌹

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