दुखद: राम विलास पासवान नहीं रहे

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ram vilas paswan

पासवान बात व्यवहार में सज्जन नेता थे। प्रेस की आलोचनाओं और अनदेखियों के बीच सहज रहे और कभी किसी को घर से भगाया नहीं। उनकी राजनीति एक व्यक्ति की रही मगर उन्हें बड़ी भूमिका निभाने का मौक़ा नहीं मिला। पासवान जिस सामाजिक पृष्ठभूमि से आए थे वहाँ उनके लिए किसी तरह का सपोर्ट नहीं था। लेकिन चलते चले गए और अपने आप को सत्ता और राजनीति के बीच बनाए रखा। यह भी बड़ी कामयाबी थी। कभी क्षेत्रीय राजनीति में प्रासंगिक होते होते रहे तो कभी राष्ट्रीय राजनीति में हमेशा प्रासंगिक रहे। अपने समय के बड़े नेताओं में से रहे। सबसे अधिक वोट से जीतने वाले सांसद भी हुए। पासवान को लेकर बहुतों को शिकायतें भी रहीं मगर राम विलास पासवान ने दिल में मलाल नहीं रखा। ईश्वर चिराग़ पासवान को शक्ति दे। पिता जिस गाड़ी को खींच कर एक पीढ़ी आगे लाएँ हैं उसे और आगे ले जाएँ। किसी का प्यादा न बनें। यही पिता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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