गाजीपुर। भाजपा ने चर्चाओं का दौर समाप्त कराते हुए पूर्वांचल के लगभग सभी लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। इसी क्रम में भाजपा ने गाजीपुर में पारसनाथ राय को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पारसनाथ राय के नाम की घोषणा होते ही जिले में सियासी पारा गरम हो गया। नाम को लेकर राजनीतिक पंडित अलग-अलग तरीके से व्याख्या करने लगे लेकिन यह चर्चा सबसे ज्यादा रहा कि गाजीपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी के अंदर जो महामहीम चाहेंगे वही होगा। पारसनाथ राय सिखड़ी ब्लाक मनिहारी के निवासी हैं। इनके पिता का नाम स्व. उमाकांत राय है। पारसनाथ राय का सम्बंध पढ़ाई के दौरान बीएचयू में मनोज सिन्हा से हुआ। पढ़ाई समाप्त करने के बाद पारसनाथ राय ने सिखड़ी में आकर मालवीय जी के प्रेरणा से पंडित मदन मोहन मालवीय सिखड़ी इंटर कालेज का स्थापना किया, इसके बाद शबरी पीजी कालेज सिखड़ी और विद्या पब्लिक स्कूल की स्थापना की। जब-जब मनोज सिन्हा गाजीपुर का लोकसभा चुनाव लड़ते थे तब-तब उनके चुनाव संचालन में पारसनाथ राय महत्वपूर्ण भूमिका अपनाते थे। पहली बार सक्रिय राजनीति में भाजपा ने उन्हे लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।
गाजीपुर और बलिया से भाजपा के टिकट को लेकर काफी कयास बाजी हो रही थी। लेकिन भाजपा ने पत्ते खोले तो अधिकांश लोग हक्के बक्के रह गए। शिक्षा संस्थानों के संस्थापक के रुप में पारसनाथ राय की पहचान रही है। वह जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के भी काफी करीबियों में हैं। उनके पुत्र आशुतोष राय भाजयुमो के उच्च स्तरीय पदाधिकारी रहे हैं। पारसनाथ राय के समधी संघ के आदिवासी और शिक्षा के फ्रंट पर लंबे समय से काम कर रहे हैं। अत्यंत मृदुभाषी और शांत स्वभाव के पारसनाथ राय को टिकट मिलने की जानकारी मिलते ही लोग फोन कर इनके विषय में जानकारी जुटाने लगे।
अब देखना है कि राजनीति और बाहुबल में मजे खिलाड़ी अफजाल अंसारी का सामना कैसे करते हैं। अंदर खाने कालेज प्रबंधक नेताओं में अलग तरह की ख़बर तैर रही है। जिसकी चर्चा भी सोशल मिडिया पर होने लगी है।