प्रदीप उपाध्याय
मरीजों और बुजुर्गों के लिए अलग मीनू
गाजियाबाद ।
इंदिरापुरम् के शक्ति खंड में मुख्यमंत्री योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट कैलाश मानसरोवर भवन अब बन कर तैयार है। हालांकि कुछ छोटे काम बाकि हैं जिन्हें शीघ्र पुरा कर लिया जाएगा। इस भवन में २८० यात्रियों के रहने,खाने का उत्तम प्रबंध होगा । इसमें कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज सहित अन्य रोगों के पीड़ित तीर्थ यात्रियों के लिए अलग से खाना बनेगा, जिसके लिए पूर्व सूचना देना होगा ।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री श्री आदित्य नाथ योगी ने इस भवन का शिलान्यास २०१७ में किया था। इसकी समय सीमा पहले मार्च 2020 के लिए निर्धारित की गई थी। कोरोना के चलते यह प्रोजेक्ट अपने समय से तीन महीना देरी से चल रहा है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की माने तो जुलाई तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इस परियोजना को तीर्थयात्रियों के वार्षिक कैलाश मानसरोवर यात्रा पर पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।
यूपी राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक एसके त्यागी ने कहा कि प्रदूषण की वजह से दिसंबर में काम के निलंबन के कारण निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हुई थी। इसके बाद, मार्च के बाद, कोरोना महामारी ने काम को पूरी तरह से रोक दिया। त्यागी ने आगे कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद हमने काम को फिर से शुरू किया। 3 महीनों में हम काम पूरा करने में कामयाब रहे। जुलाई अंत तक हम आधिकारिक तौर पर काम पूरा होने की घोषणा करेंगे जिसके बाद प्रशासन द्वारा निरीक्षण किया जाएगा और तब उद्घाटन की तारीख तय होगी। कैलाश मानसरोवर भवन को इंदिरापुरम के शक्ति खंड 4 क्षेत्र में 9,000 वर्गमीटर भूमि पर विकसित किया गया है। यह एक चार मंजिला इमारत है, जो 280 तीर्थयात्रियों को पूरा कर सकती है और 188 वाहनों के लिए पार्किंग की जगह है।
इस बीच, भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने सुझाव दिया कि इमारत के एक हिस्से को अस्पताल में बदल दिया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। अग्रवाल ने कहा कि मेरा सुझाव यह है कि भवन की ऊपरी मंजिल का उपयोग कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए और शेष तीन मंजिला अस्पताल के लिए किया जाना चाहिए।