लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने अपनी पत्नी स्वाति सिंह से तलाक लेकर 22 साल पुराना अपना रिश्ता खत्म कर लिया है. एक फैमिली कोर्ट ने आपसी सहमति से दोनों के बीच तलाक की इजाजत दी है. 2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्य मंत्री रहीं स्वाति सिंह ने अपने पति दया शंकर सिंह से तलाक लेने की कोर्ट में अर्जी दी थी. दया सिंह मार्च 2022 में बलिया सदर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक चुने गए थे.
इससे पहले स्वाति सिंह ने अपनी पिछली याचिका को बहाल करने के लिए पिछले साल एक रिकॉल आवेदन दायर किया था, जिसे अदालत ने दोनों पक्षों की गैर-मौजूदगी का हवाला देकर खारिज कर दिया था. कोर्ट ने उनकी अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. उन्होंने अदालत को बताया था कि इससे पहले उन्होंने 2012 में अपने पति के खिलाफ अदालत में तलाक की याचिका दायर की थी और अदालत ने उनके पति को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस भी जारी किया था.
इस बीच, स्वति सिंह ने 2017 में सरोजिनी नगर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक बन गईं. स्वाति सिंह ने अपनी याचिका में कहा, वह मंत्री भी बनीं और 2018 में उनकी तलाक की याचिका खारिज कर दी गई, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हो सकीं थी.
पूर्व विधायक और दया सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने जुलाई 2016 में उस वक्त सुर्खियां बटोरीं थीं जब उनके पति दया शंकर सिंह को बसपा प्रमुख मायावती के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. इसके बाद एक रैली में बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ अपमानजनक नारे लगाए और एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग की थी. इस बीच पार्टी ने दया सिंह की जगह पर उनकी पत्नी को चुनाव लड़ा दिया और वह जीत भी गईं. स्वाति ने 2017 में लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 2022 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और बलिया से उनके पति को मैदान में उतार दिया और वह चुनाव भी जीत गए.