दिल्ली में एक्जीबिशन्स की धूम
एक्जीबिशन्स से 500 करोड़ के व्यापार की उम्मीद
सीटीआई दिल्ली सरकार के सामने रखेगा मांग
एक्जीबिशन सेक्टर से जुड़े व्यापारियों का बिजनेस अब जोरों पर है, दिल्ली में रोजाना 30 से 40 छोटी-बड़ी एक्जीबिशन हो रही हैं। इनमें बिजनेस टू बिजनेस (B2B) और बिजनेस टू कन्ज्यूमर (B2C) एग्जीबिशन शामिल हैं।
बुधवार को लीला होटल में अहेली एक्जीबिशन के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि जनवरी से अप्रैल के बीच एक्जीबिशन सेक्टर का सीजन माना जाता है, इस बार सीजन के दौरान दिल्ली में 500 करोड़ रुपये का बिजनेस होने का अनुमान है।
प्रगति मैदान में भी विश्व पुस्तक मेला लगा हुआ है। ऐसे एग्जीबिशन में देश-दुनिया के लोग भी पहुंचते हैं। ट्रेडर्स को काम करने का अवसर मिलता है।
खरीददारों को एक जगह पर कई वैरायटी में माल देखने और समझने को मिलता है।
यहीं से माल की बुकिंग हो जाती है। बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली में होटल, बैंक्वेट हॉल, कम्युनिटी सेंटर और पब्लिक प्लेस में रोजाना कई प्रदर्शनियां आयोजित हो रही हैं। इसमें सोने-चांदी के आभूषण, आर्टिफिशियल जूलरी, लहंगे, साड़ियां, सूट, गिफ्ट आइटम्स, रसोई का सामान, फुटवियर, डेकोरेशन प्रोडक्ट्स और घरेलू सामान अधिक बिकता है।
एक्जीबिशन में उन व्यवसायिकों को भी कारोबार का अवसर मिलता है, जिनके पास अपनी दुकान, ऑफिस या शोरूम नहीं होते हैं। वे अपने घर या किसी छोटी-मोटी जगह पर माल तैयार करते हैं और एक्जीबिशन के जरिए माल बेचते हैं।
बृजेश ने बताया कि बुधवार को ‘अहेली’ द्वारा आयोजित एग्जीबिशन अलग-अलग क्षेत्र की महिला कारोबारियों और बिजनेसमैन से संवाद किया। ‘अहेली’ की फाउंडर और सीटीआई एग्जीबिशन काउंसिल की वाइस प्रेजिडेंट शालू गुप्ता ने बताया कि वे लंबे समय से एग्जीबिशन ऑर्गनाइज कर रही हैं। अब दिल्ली सरकार से आग्रह है कि कहीं न कहीं जगह मुहैया कराएं, ताकि बड़ा एग्जीबिशन आयोजित कर सकें। सालभर जी-20 शिखर सम्मेलन के प्रोग्राम होंगे। देश-दुनिया से मेहमान आ रहे हैं। उन्हें एग्जीबिशन में जाने का अवसर मिलेगा, तो देसी आइटम से रूबरू हो सकेंगे। भारतीय संस्कृति, कला और सामान को देख समझ सकेंगे। कार्यक्रम में वीमन काउंसिल की प्रेजिडेंट मालविका साहनी, सलोनी खुराना, कलश चोपड़ा, मीनाक्षी ढाल, अंशु मेहता, प्रभजोत कुमार, पिंकी सिंह, इंशा सिद्धकी और कृति आदि मौजूद रही।