पुरुषार्थ खत्म! आगे आई अलका और आफशा

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Afsa and Alka

वैदिक युग से ही गाजीपुर जनपद अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता रहा है जहां महर्षि यमदग्नी, महर्षि परशुराम के पिता यहां पर रहे। ऋषि परंपरा में गौतम और चारवाक को यहां शिक्षण और धर्म उपदेश दिए गए वहां की सक्षम महिलाएं आज दिल्ली दरबार की ओर टकटकी लगा रही हैं तो यहां के पुरुष या तो पुरुषार्थ विहीन हो गए हैं या सिर्फ राजनीति हो रही है।

हालांकि जिन महिलाओं की हम बात करने जा रहे हैं उन्हें अबला नहीं कहा जा सकता लेकिन कानून के फंदे में फंसने के बाद बड़े से बड़ा ताकतवर भी निरीह नजर आने लगता है। यही बात जनपद की दोनों महिलाओं पर लागू होती हैं। दोनों में से एक मोहम्मदाबाद विधानसभा की विधायक अलका राय है तो दूसरी तथाकथित बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी मऊ विधायक आफशा है।

सोमवार को आफशा ने महामहिम रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अपने पति, बच्चों सहित परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई है जिसकी जानकारी गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने दी है। इससे पूर्व विधायक अलका राय ने कांग्रेस महासचिव उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर पंजाब सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए सहयोग की अपील की थी। दोनों प्रतिष्ठित महिलाओं द्वारा पत्र लिखने का अपना निहितार्थ है लेकिन राजनीतिक पंडित इसे अपने-अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं।

विगत सप्ताह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को लिखे पत्र में स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी भाजपा विधायक अलका राय ने तो एक तरफ अपने को विधवा लिखा है और इन्होंने पहली लाइन ही

मेरा नाम अलका राय है मैं एक विधवा हूं…

से शुरू कर पंजाब सरकार पर बाहुबली मुख्तार अंसारी को संरक्षण देने का आरोप लगाया है

मुझ जैसे सैकड़ों लोगों…

को इंसाफ से वंचित करने की बात से पहला पैरा खत्म करती हैं।

पत्र में ‘मेरे जैसा सैकड़ों’ शब्द दो बार आया है जबकि विधायक अलका राय मोहम्मदाबाद से एक लाख से अधिक मतों के अंतर से विजयी हुई थी जिसमें केवल महिला आबादी की बात करें तो कई हजार महिलाएं होंगी जबकि पत्र में दो-दो जगह सैकड़ों शब्द लिखना निहितार्थ है।  राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अलका राय द्वारा दो बार ‘ मेरे जैसा सैकड़ों’ शब्द लिखना सैकड़ों विधवाओं से होगा यदि ऐसा है तो अलका राय को यह पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखना चाहिए क्योंकि

कि दुख जाने दुखिया कि, दुखिया की माय।

अर्थात दोनों ही विधाएं हैं और दोनों के पति को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। एक दुखियारी ही दूसरे दुखियारी की दर्द समझ सकती है। जो दुख सोनिया गांधी समझ सकती हैं वह दुख प्रियंका गांधी कदापि नहीं समझ सकती हैं। इस भावुक अपील को पंजाब की सरकार को घेरने का मकसद कहा जाए या राजनीति क्योंकि इस पत्र में राहुल गांधी को भी घेरा गया है। राजनैतिक पंडितों का मानना है कि इस राजनीतिक पत्र का जवाब आफशा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दिया है।

पत्र में मुख्तार की पत्नी ने कहा है कि राजनीतिक विद्वेष के तहत हमारे पति, बेटों और परिवार को फंसाने की साजिश रची जा रही है इन्होंने अपने परिवार की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया है। जिसमें लिखा गया है कि

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अहमद मुख्तार अंसारी, ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान व शौकतउल्ला जैसे लोगों के परिवार से जुड़ी हुई हैं।

इस मार्मिक अपील के बाद राष्ट्रपति क्या निर्णय लेते हैं यह एक भविष्य के गर्भ में है बाकी दोनों ताकतवर महिलाओं के पत्र का की चर्चा खूब हो रही है।

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