पिछले कुछ समय से पाकिस्तान भी गिलगित और बालटिस्तान को लेकर काफी आक्रामक हो रहा है। अब हाल ही में उसने गिलगित और बालटिस्तान को अपने नक्शे में डालते हुए जूनागढ़ को भी अपना हिस्सा बताया है और जो हिस्सा चीन और इंडिया के बीच डिस्प्यूट है उसको अनडिफाइंड बॉर्डर में डाला हुआ है। अब प्रश्न यह उठता है कि पिछले साल मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग करके अलग अलग राज्य बना दिया। क्या हम पाकिस्तान की हरकत को उसी का जवाब माने? और उसका जवाब मानते हैं तो क्या यह मोदी सरकार की हार है? जो 1 साल पहले तक जीत लग रही थी वह आज 1 साल बाद हार लग रही है क्योंकि पाकिस्तान अभी इन दोनों प्रांतों में चुनाव कराने की तैयारी में है जिसका भारत विरोध कर रहा है।
गिरगिट बालटिस्तान को प्रांत का दर्जा देकर चुनाव करने की तैयारी को लेकर वहां के मंत्री अली अमीन ने यह जानकारी दी हालांकि भारत में इसका पुरजोर विरोध किया है कौन बोला है यहां मिस को मान्यता नहीं देता है।
उधर अली अमीन ने बताया चुनाव कराने की तैयारी नवंबर में माना जा रहा है क्योंकि उससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान वहां का दौरा करेंगे और वहीं पर इसका औपचारिक एलान कर देंगे। इधर भारत में कहा है यह गिलगित बाल्टिस्तान जम्मू कश्मीर का हिस्सा है अभिन्न अंग है और यह पाकिस्तान के किसी भी संवैधानिक क्षेत्र का हिस्सा नहीं है। यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है इसलिए वह ऐसा नहीं कर सकते पाकिस्तान में उस इलाके को जबरदस्ती कब्जा किया हुआ है।