मुनव्वर राणा आतंकवाद को सपोर्ट कर रहे हैं?

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Munawwar Rana

मुनव्वर राणा फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के नाम पर हुई हिंसा को सही ठहराने से अपने आलोचकों के निशाने पर आ चुके हैं। एक निजी न्यूज़ चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में फ्रांस में हुई सीरियल किलिंग को सही ठहराया था। हालांकि इस बयान के कुछ वक्त बाद ही एक टीवी चैनल पर सफाई देते हुए मुनव्वर राणा ने कहा कि उन्होंने कभी भी फ्रांस में हो रही हिंसा को जायज नहीं ठहराया है। उन्होंने यह बयान तब दिया जब फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ सारी दुनिया में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

मुनव्वर राणा ने अपने पिछले इंटरव्यू में बयान दिया था की एम एफ हुसैन को हिंदुस्तान से इसलिए भागना पड़ा क्योंकि उन्होंने हिंदू देवी देवताओं को विवादित पेंटिंग्स बनाई थी। एम एफ हुसैन से सहानुभूति दिखाते उन्होंने आगे कहा “90 साल के बूढ़े आदमी को देश को छोड़कर भागना पड़ा यदि वह ऐसा नहीं करते तो उनको मार दिया जाता। जिसकी वजह से एम एफ हुसैन का मौत एक गैर मुल्क में हुई।”

जब हिंदुस्तान में हजारों साल से आनर किलिंग को जायज मान लिया जाता है कोई सजा नहीं होती है तो फ्रांस की घटना को नाजायज कैसे कहा जा सकता है।

इसी बयान को लेकर लोगों ने माना था कि वह फ्रांस में हो रही कत्लेआम को जायज ठहरा रहे हैं।

हालांकि टीवी पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने फ्रांस में हुई हिंसा को कभी भी जायज नहीं ठहराया है उन्होंने बस यह बात कही थी कि मजहब के नाम पर खतरनाक खेल खेला जा रहा है और इंसान को इससे दूर रहना चाहिए। मुनव्वर राणा ने कहा कि मजहब के रोजाना पूरी दुनिया में कत्ल हो रहे हैं पहले आतंकवाद को इस्लामी आतंकवाद कहा गया लेकिन आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है।

मुनव्वर राणा ने यह भी कहा

470 साल पहले बाबरी मस्जिद के सिलसिले में जिन बादशाहो ने गलती की हो। मजहबी मामले में जिसने भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बना दिया ऐसे में पूरी कौम को गालियां खानी पड़ी। मैंने यह कहा कि मजहब एक खतरनाक खेल है इससे लोगों को दूर रहना चाहिए।

उधर मुनव्वर राणा पर सिलेब्रिटीज़ के भी बयान आना शुरू हो गए हैं।

विवेक अग्निहोत्री ने लिखा ‘शायर हैं या कसाई?’

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