“जीवन में गुरू ज़रूरी है ग़ुरूर नहीं “
“आंखें भी खोलनी पड़ती हैं रोशनी के लिए महज सूरज निकलने से अंधेरा नहीं जाता”
“राह की धूप बड़ी काम आई छांव होती तो सो गए होते”
” देना ” शुरू कर दें, आना खुद शुरू हो जाएगा इज्जत भी, दौलत भी…
“मुठ्ठी भर ही चाहिए तो सिकन्दर हो जाओ, पूरा ब्रह्मांड चाहिए तो कबीर हो जाओ”
“चरण मंदिर तक पहुंचाते हैं और आचरण भगवान तक”
मेहनत का फल और समस्या का हल देर से ही सही पर मिलता जरूर है।
ज़िन्दगी होश में जियो, होड़ में नहीं।
“अंदाजा ‘ताकत’ का लगाया जा सकता है, ‘हौसलों’ का नहीं”
“प्यार में ही ताक़त है दुनिया को झुकाने की वरना क्या जरूरत थी रामजी को जूठे बेर खाने की”