संगीता वलबंत : महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की पक्षधर

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गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की कैबिनेट का विस्तार कर दिया है। इस विस्तार में 7 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनमें से एक गाजीपुर की विधायक डॉ. संगीता बलवंत बिंद हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ. संगीता बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ी और निर्वाचित घोषित हुई। डॉ. संगीता राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक लेखक भी हैं और साहित्य में रूचि रखती हैं।

डॉ. संगीता बलवंत का जन्म गाजीपुर में हुआ। इनके पिता स्व. रामसूरत बिंद रिटायर्ड पोस्टमैन थे। छात्र जीवन से ही उनको राजनीति का शौक रहा है। इसके साथ-साथ उन्हें पढ़ाई और कविता का बहुत शौक रहा। डॉ. संगीता स्थानीय पीजी कॉलेज, गाजीपुर छात्रसंघ की उपाध्यक्ष भी रही है। इनका विवाह स्थानीय ज़मानियां कस्बा में डॉ. अवधेश से हुआ है,जो पेशे से होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। डॉ. संगीता बिंद (ओबीसी) जाति से आती हैं, और पूर्वांचल में ये वोट बैंक काफी संख्या में है। ये जमानियां क्षेत्र से निर्दल जिला पंचायत सदस्य रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी से इनका जुड़ाव 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुआ, मनोज सिन्हा की करीबी मानी जाने वाली डॉ. संगीता बलवंत को 2017 में वर्तमान एलजी (J&K) के प्रयासों से ही टिकट मिला और ये गाजीपुर, सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान विधायक हैं और क्षेत्र में लोकप्रिय भी हैं।


डॉ. संगीता पहली बार 2017 में बीजेपी के टिकट पर सदर विधानसभा से विधायक बनीं, हालांकि सन 2005 में जिला पंचायत चुनाव भी जीत चुकी हैं। संगीता बलवंत कक्षा 11 में पढ़ती थी तब छात्रसंघ वाइस प्रेसिडेंट चुनी गई थी। बाल्यावस्था से ही मेरे मन में यह भाव था की महिलाएं राजनीति में आएंगी तभी महिलाओं और देश का सर्वांगीण विकास होगा।

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