संडे मूवी तो देखी होगी फिल्मी कलाकार होता है जो कि रात को सोता है और सुबह उठता है तो उसकी जिंदगी से एक संडे गायब हो जाता है। लेकिन क्या यह हमारी जिंदगी में हो सकता है? आप कहेंगे यह सब फिल्मों में ही होता है! लेकिन अब कल्पना करिए कि आप 2 तारीख की रात को सोए और सुबह उठते ही किसी ने आप से पूछ लिया कि आज क्या तारीख है तो आप कहेंगी 3 तारीख लेकिन सामने वाला अचानक हंसने लगे और कहे कि नहीं 14 तारीख है तो आप पर क्या बीतेगी? और आपकी जिंदगी में तो मानो भूचाल ही आ जाएगा आप फिर से कहेंगे ऐसा नहीं हो सकता यह तो सिर्फ फिल्मों में ही होता है लेकिन ऐसा सच में हुआ है। किसी फिल्म में नहीं किसी एक आदमी के साथ नहीं बल्कि करोड़ों लोगों के साथ हुई है।
सितंबर के महीने में कितने दिन होते हैं?
आप कहेंगे 30 और बिल्कुल सही है लेकिन यदि हम आपसे कहे कि इतिहास में 1 सितंबर ऐसा भी आया था जिसमें से पूरे 11 दिन गायब हो गए थे! आप विश्वास नहीं करेंगे पर यह बिल्कुल सच है। 1752 में विश्व में एक ऐतिहासिक और दिलचस्प घटना हुई। 1752 का सितंबर महीना जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे क्योंकि उस महीने में लोगों की जिंदगी से 11 दिन गायब हो गए थे। यदि आप गूगल में सितंबर 1752 कैलेंडर सर्च करेंगे तो पाएंगे उसमें 2 तारीख के बाद सीधी 14 तारीख आ जाती है। देख सकते हैं कि 11 दिन मिटाए गए हैं। इसमें कोई गड़बड़ नहीं है और ना ही गूगल की कोई मिस्टेक है। अब आपके दिमाग में कई सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर कैसे संभव है चलिए बताते हैं।
सितंबर 1752 तक ब्रिटेन में रोमन जूलियन कैलेंडर प्रचलन में था जो कि रोमोनो द्वारा बनाया गया था यह सैकड़ों वर्षों तक यूरोप और रोमनो के अधीन आने वाले देशों में काल की गणना करने का जरिया बना रहा था। लेकिन इससे पहले 1582 में क्रेगोरियन कैलेंडर अस्तित्व में आया था जो अधिक प्रामाणिक माना गया था। इसकी उपयोगिता को देखते हुए सितंबर 1752 में ब्रिटेन के किंग ने जूलियन कैलेंडर से क्रेगोरियन कैलेंडर में शिफ्ट कर दिया था। ब्रिटेन की टीम ने जूलियन से क्रेगोरियन कैलेंडर में शिफ्ट होने का आदेश तो दे दिया लेकिन दोनों कैलेंडर के बीच में 11 तारीखों का अंतर आ गया था, तो इस अंतर को खत्म करने के लिए राजा ने एक और आदेश पारित कर दिया कि 11 दिनों को ही मिटा दिया जाए। इसी आदेश के चलते 2 तारीख के बाद सीधी 14 तारीख बना दी गई। रात को 2 तारीख को सोए थे लेकिन कैलेंडर बदलने की वजह से उनकी नींद 14 तारीख को खुली। इस घटना से कर्मचारियों को इस महीने में 11 दिन कम काम करना पड़ा था और उन्हें पूरे महीने की तनख्वाह मिली।
1 अप्रैल को फूल दिवस हम क्यों मनाते हैं?
लेकिन समस्या फिर भी खड़ी हो गई पुराना कैलेंडर यानी जूलियन कैलेंडर के हिसाब से तो नया साल 1 अप्रैल से शुरू होना था। लेकिन नए कैलेंडर में 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत के तौर पर माना गया और लोगों ने नए कैलेंडर को मान तो लिया लेकिन 1 अप्रैल को उन्होंने नया साल मनाना नहीं छोड़ा था। इसके चलते किंग को एक और आदेश जारी करना पड़ा। आदेश में कहा गया जो भी 1 अप्रैल को नया साल बनाएगा वह मूर्ख माना जाएगा और इस तरह से लोग पूरे विश्व में 1 अप्रैल को फूल्स डे के रूप में मनाने लगे थे ।
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