चार दिनी सत्याग्रह के अंतिम दिन पारित प्रस्ताव में सरकार से आग्रह
राष्ट्रीय अर्थक्रांति मंच के तत्वावधान में वाराणसी के वरूणा पुल स्थित शास्त्री घाट पर आयोजित चार दिवसीय राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह के अंतिम दिन छह नवम्बर, रविवार को पारित प्रस्ताव में केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया कि देश में बढ़ी हुई महंगाई को नियंत्रित करने और जीवन गौरव अभियान के तहत 11 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को प्रति माह दस हजार रुपये मानदेय देने के लिए अर्थक्रांति के जादुई फार्मूले पर यथाशीघ्र अमल करे।
अर्थक्रांति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश मिश्र, संस्था के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार पदमपति शर्मा एवं जीवन गौरव अभियान की राष्ट्रीय समन्वयक श्रीमती लीला जी (हैदराबाद) की ओर से संयुक्त रूप से रखे प्रस्ताव को सत्याग्रह में भाग लेने आए देश के विभिन्न प्रांतो और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से पारित किया।
पारित प्रस्ताव मे कहा गया कि वैश्विक स्थिति के कारण पेट्रो उत्पाद व अन्य वस्तुओं की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं, जिसे न्यूनतम स्तर पर लाने, देश के आम नागरिकों के साथ बुजुर्गों की सांझ सुहानी बनाने के लिए सरकार यदि ग्राम्य विकास और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याणार्थ दशमलव चार प्रतिशत बैंक ट्रांजेक्शन टैक्स ( यानी सौ रुपये पर महज 40 पैसे ) लगाती है तो इससे सरकार को 12 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा। वर्तमान में एक अनुमान के मुताबिक देश मे कुल बैंक ट्रांजेक्शन लगभग तीन हजार लाख करोड़ है। सरकार को एक्साइज ड्यूटी के मद मे लगभग तीन लाख करोड़ का राजस्व मिलता है। सरकार प्राप्त इस रकम से एक्साइज ड्यूटी समाप्त कर सकती है। ऐसा करते ही पेट्रोल-डीजल के मूल्य में 31 प्रतिशत की कमी हो जाएगी, और इससे राज्यों की ओर से लगाए जाने वाला वैट भी जाहिर है, कम हो जाएगा। परिणामस्वरूप पेट्रोल 65 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत लगभग 60 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। महगाई धड़ाम से नीचे आएगी और इसका कितना दूरगामी प्रभाव होगा, यह बताने की जरूरत नहीं है।
केन्द को वरिष्ठ नागरिकों को दस हजार रुपये बतौर सम्मान राशि देने के लिए लगभग ग्यारह लाख करोड की जरूरत होगी। सरकार बीटीटी से मिली शेष नौ लाख करोड़ की राशि में रिजर्व बैंक से दो लाख करोड़ का ऋण ले सकती है। 11 लाख करोड की राशि के बाजार में आने से जीडीपी में आशातीत वृद्धि होगी ही जीएसटी संग्रह भी बढ़कर प्रति माह दो लाख करोड़ के आसपास का हो जाएगा। सरकार को रिजर्व बैंक को सिर्फ छह प्रतिशत ब्याज देना है जिसकी मूलधन सहित भरपाई जीएसटी ही कर देगी।
याद रखिए कि वरिष्ठ नागरिक देश की राष्ट्रीय संपदा हैं धरोहर हैं। यदि अर्थक्रांति राष्ट्रवाद है तो देश के बुजुर्गों का कल्याण मानवतावाद है। इनको मानदेय मिलने से देश की विभाजनकारी शक्तियों पर गहरी चोट होगी ही इसका परोक्ष लाभ देश की पचास करोड से ज्यादा की आबादी को मिलेगा। इस फार्मूले में बडें नोट बंद करने की आवश्यकता नही है। इसकी जरूरत तो अर्थक्रांति लागू करते समय पडेगी।
अन्त में श्री पदमपति शर्मा जी, रतिभान जी प्रायागराज, अरुणेश जी जौनपुर, लक्ष्मण श्रीवास छत्तीसगढ़, हरि प्रसाद महतो झारखंड, सत्या फाउंडेशन के संस्थापक चेतन उपाध्याय एवं वाराणसी के उपस्थित सैकड़ों लोगों ने अर्थक्रांति प्रस्ताव का समर्थन किया और सरकार से इसे लागू करने की मांग की l