Thursday, April 25, 2024
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सीजफायर का उल्लंघन, पीओके में भारतीय सेना का जवाब

जब से पाकिस्तान बना है तब से बॉर्डर पर आतंकवादी घटनाएं होती रही है लेकिन पहले उन घटनाओं पर सरकार की तरफ से कड़ी निंदा कर दी जाती थी जिससे पाकिस्तान का मनोबल बढ़ता जाता था और अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम बिरादरी में एक बिगड़ैल भाई की तरह रहा है। सरकार बदली और साथ ही साथ कड़ी निंदा करने का तरीका भी बदला।

पिछले कुछ समय से पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा था जिसके लिए पाकिस्तानी सेना बार-बार सीजफायर का उल्लंघन कर रही थी। बस इस बार भारत कड़ी निंदा ना करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बने आतंकी लांच पैड पर चुन-चुन कर हमले किए हालांकि सेना की ओर से स्पष्ट किया गया है कि आज गुरुवार को कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी की सेना पीओके में आतंकी ठिकानों को चुन चुन कर निशाना बना रही है इसके बाद यह खबर ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारतीय सेना पीओके में स्थित बहुत सारे आतंकवादी लांच पैडो को निशाना बना रही है। पाकिस्तान जम्मू कश्मीर को अशांत करने के लिए बहुत सारे आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहता है जिसके लिए वह आए दिन सीजफायर का उल्लंघन करता रहता है जिसमें पाकिस्तानी सेना भी उन आतंकवादियों का साथ देती हैं पिछले कुछ हफ्तों में बॉर्डर पर जिस तरीके से हलचल बढ़ी है उससे यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान एंटीटेरर वॉच डॉग एफ ए टी एफ के एक्शन से बचते हुए अकारण रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है जिसकी जवाब में सेना ने भी पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान की कई सैन्य चौकियों को तबाह कर दिया है। हालांकि कड़ाके की ठंड से पहले भारत में ज्यादा से ज्यादा आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश पाकिस्तानी सेना को भारी पड़ रही है।

बाद में समाचार एजेंसी पीटीआई स्पष्ट किया की स्टोरी 13 नवंबर की हुए सीजफायर उल्लंघन के विश्लेषण पर आधारित है उस दिन पाकिस्तान की कई चौकियों को उड़ाने के वीडियो भी सामने आए थे।

वैसे भी पिछले कुछ हफ्तों में पाकिस्तानी सेना कई बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए नागरिकों को निशाना बना रही है और घुसपैठ को मदद करने के उद्देश्य से भारत के रिहायशी क्षेत्रों में लगातार मोर्टार और अन्य भारी हथियारों से हमला कर रही है। जिसके परिणाम स्वरूप इस साल अभी तक एक किसान नागरिकों की मौत हो चुकी है।

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