Thursday, May 16, 2024
spot_img
HomeBihar Electionओवैसी जैसे महावत के सहारे 'हाथी' को दो सीट

ओवैसी जैसे महावत के सहारे ‘हाथी’ को दो सीट

(बिहार चुनाव पर फालोअप )

असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन को बिहार में हरा दिया।पांच सीटें जीतकर बिहार की राजनीति में ज़ोरदार इंट्री भी दर्ज की।महागठबंधन ने अगर ओवैसी को शामिल कर चुनाव लड़ा होता तो महागठबंधन की बिहार में जीत होती।ओवैसी ने महागठबंधन को दंड दे दिया,अकेले बीस सीटों पर खेल बिगाड़ दिया,मायावती के साथ गठबंधन किया था,मायावती का बिहार में कोई आधार नहीं,फिर भी वो ओवैसी के सहारे सीट जीतना चाहती थीं,दो सीटें बसपा ने भी जीतीं,जिसमें से बसपा से जीता एक प्रत्याशी मुसलमान है,ये भी ओवैसी का करिश्मा है।

मायावती ने भी ओवैसी की मदद कर महागठबंधन को पटकवा दिया।मायावती ने भांप लिया है कि ओवैसी को अब सियासत में हल्के में नहीं लिया जा सकता,ओवैसी की जीत में बसपा के नाम पर मिले दलित वोटों का भी हाथ है।ओवैसी और मायावती का गठबंधन अब आगे भी चल सकता है।मुस्लिम-दलित फ़ैक्टर बहुत मज़बूत है,मायावती की पार्टी हाशिये पर जा रही है,उधर ओवैसी मुसलमानों के मामलों पर खुलकर बोलते हैं,जबकि दूसरे दल या तो रस्म अदायगी के लिए दबी ज़बान बोलते हैं या चुप्पी साध जाते हैं,इसी वजह से मुसलमानों का झुकाव ओवैसी की तरफ़ बढ़ गया है और ये बढ़ता ही जा रहा है,इसी का नतीजा है ओवैसी की बिहार की राजनीति में शानदार इंट्री का होना।अब बिना ओवैसी को साथ लिए कोई मुसलमानों के वोटों की एकतरफ़ा फ़सल नहीं काट सकेगा।

ओवैसी बंगाल में भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं, फिर वो यूपी की सियासी पिच पर भी बल्लेबाज़ी करेंगे।कथित सेक्युलर दल ओवैसी को कम्युनल और वोटकटवा कहते हैं,ओवैसी के ख़िलाफ़ मुसलमानों को भड़काते हैं,बरगलाते हैं,अकेले मुसलमानों के वोटों पर जीतकर सत्ता की मलाई काटना चाहते हैं,मुसलमान को ये दरी बिछाने के काम में लगाते हैं।ये दल ओवैसी को अपने साथ नहीं लेना चाहते।जबकि असलियत ये है कि बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी एक सुलझे हुए नेता हैं,पढ़े-लिखे क़ाबिल वक्ता हैं,वो किसी एंगल से कम्युनल नहीं।बहुत से भीतर से कम्युनल और ऊपर से सेक्युलर होने का लबादा ओढ़े लोग ओवैसी के पाजामे और शेरवानी पर कमेंट करते हैं,उनको शेरवानी कम्युनल लगती है,ओवैसी का ऊंचा पाजामा कम्युनल लगता है।

ऐसे लोगों से हम कहना चाहेंगे कि शेरवानी कब से कम्युनल हो गई,हमारे पास सर्दी और गर्मी में पहनने वाली पचासों शेरवानियाँ हैं,तो क्या हम कम्युनल हो गए,नेहरू और एन.डी तिवारी समेत तमाम नेता शेरवानी पहनते थे तो क्या वो कम्युनल थे।मेरा पाजामा ओवैसी की तरह ऊंचा नहीं होता,वजह कि हम पांचों वक़्त नमाज़ नहीं पढ़ते,अक्सर जुमे को भी नहीं पढ़ते,जब पढ़ते हैं तो पजामा मोड़कर ऊंचा कर लेते हैं,वजह कि नमाज़ से पहले वुज़ू बनाना होता है,मतलब समझिए कि एक प्रकार से हाथ-पैर-मुंह को धोया जाता है,इसमें पैजामे को ऊंचा करना ज़रूरी होता है,फिर नमाज़ का ये नियम है कि नमाज़ के दौरान टखने से ऊपर पाजामा होना चाहिए,वरना नमाज़ नहीं होगी।

लिहाज़ा ओवैसी और वो तमाम मुसलमान जो पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ते हैं वो पहले से टखने से ऊंचा पैजामा पहनते हैं,ताकि बार-बार पाजामा मोड़ना भी ना पड़े और पेशाब करने पर नीचे पाजामे की वजह से कपड़े पर छींट ना पड़े,कोई गंदगी पाजामे में ना लगे,नमाज़ी व्यक्ति को पाक रहना ज़रूरी होता है,जैसे पूजा करने से पहले पूजापाठ में पूरा यक़ीन करने वाले हिंदू और ब्राह्मण नहाते हैं और नहाकर पाक होते हैं,गंदे वस्त्र नहीं पहनते।बहुत से लोगों ने ऊंचे पैजामे को देवबंदियों से भी जोड़ दिया,जबकि ऐसा नहीं है,नमाज़ पढ़ते वक़्त चाहे देवबंदी हो या बरेलवी या किसी भी फ़िरके का मुसलमान,उसे टखने के ऊपर पाजामे को करना पड़ता है,वरना नमाज़ ही नहीं होगी।उम्मीद है कि जो लोग मुसलमानों की रवायत से सन्नाटा हैं उन्हें ये मोटी बात समझ में आ गई होगी।अगर ऐसे लोगों को फिर भी समझ नहीं आयी तो आपके दिमाग़ के भीतर ख़तरनाक कम्युनल कीड़ा है जिसको ख़त्म करना मेरे बस की बात नहीं,मेरे क्या किसी के बस की बात नहीं है।

( इतिहासकार डा० शारिक़ अहमद खा़न की कलम से )

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

dafabet login

betvisa login ipl win app iplwin app betvisa app crickex login dafabet bc game gullybet app https://dominame.cl/ iplwin

dream11

10cric

fun88

1win

indibet

bc game

rummy

rs7sports

rummy circle

paripesa

mostbet

my11circle

raja567

crazy time live stats

crazy time live stats

dafabet